Rajasthan news: सोलहवीं विधानसभा का पहला प्रश्नकाल मंगलवार को हुआ. सदन में सत्ताधारी पार्टी सब कुछ मंगल रहने की कामना के साथ गई.सदन शुरू होने से पहले विधायक दल की बैठक भी हुई और इससे पहले मन्त्रियों को सीएम भजनलाल शर्मा ने सदन में तैयारी के साथ आने के लिए भी कहा. इस सबके बाद जब पहला प्रश्नकाल हुआ तो कुछ मन्त्री सवालों के जवाब देने में अटक गए. तो कुछ कोअधिकारियों के रवैये के चलते विपक्ष के ज़ुबानी हमलों का सामना करना पड़ा. पहले प्रश्नकाल ने ही इस बात के संकेत तो दे दिए कि चाहे सत्ताधारी खेमा हो या विपक्ष. राह आसान तो किसी के लिए नहीं रहने वाली.


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 मन्त्रियों को पुख्ता तैयारी 
नई विधानसभा में 19 जनवरी को राज्यपाल का अभिभाषण हुआ तो अब इस पर बहस भी शुरू हो गई. लेकिन इससे पहले 16 वीं विधानसभा के पहले प्रश्नकाल पर सबकी निगाहें थीं. सबसे ज्यादा नज़र तो इस बात को लेकर थी.  कि सरकार के मन्त्री कितनी तैयारी के साथ आते हैं? सरकार ने इससे पहले अपने मन्त्रियों को पुख्ता तैयारी करके आने के लिए ताकीद भई कर दिया था... खुद सीएम भजनलाल शर्मा और संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी इसके लिए बोल चुके थे. सरकार के अनुभवी मन्त्रियों ने अपने तेवर दिखाए. पंचातीराज पर राजकुमार रोत के पूछे गए एक सवाल के जवाब में मन्त्री मदन दिलावर ने तो सदन में ही बीडीओ को निलम्बित करने का ऐलान कर दिया .


मन्त्री ने तो बीडीओ को निलम्बित कर दिया.लेकिन इससे पहले सदन के पहले सवाल पर ही विपक्ष ने अपने तेवर दिखा दिए.  पेपर लीक मामले से जुड़े सवाल पर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की और तकरीबन 15 मिनट इस सवाल पर हंगमा चला.


इस दौरान विपक्षी सदस्य वैल में पहुंच गए और नारेबाजी भी की,इसी तरह युवा मामलात मन्त्री के रूप में राज्यवर्द्धन राठौड़ ने जवाब दिया,तो अधिकारियों की तरफ़ से गलत जवाब आने पर अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ा.


इसके साथ ही स्पीकर वासुदेव देवनानी ने भी अधिकारी दीर्घा को लेकर साफ कर दिया है कि अधिकारियों की प्रश्न-काल समाप्त होते ही विधानसभा से रवानगी लेने वाला रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कुल मिलाकर पहला दिन देखकर लगता है कि मौजूदा सदन की प्रत्येक बैठक खासी हलचल वाली होगी.


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