भरतपुर में अमित शाह की सभा के पीछे क्या है बीजेपी की असल रणनीति, राजस्थान चुनाव का गेम प्लान
नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)के बाद अबकी बार अमित शाह (Amit Shah)ने राजस्थान (Rajasthan) कांग्रेस में छिड़ी कुर्सी की जंग पर चुटकी लेते हुए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot)और सचिन पायलट (Sachin Pilot)पर बयान दिया और कहा कि जो चीज है ही नहीं उसके लिए दोनों लड़ रहे हैं. सरकार तो बीजेपी की ही आएगी.
Rajasthan Politics : राजस्थान के भरतपुर में नदबई में हुए मूर्ति विवाद के बाद सियासत गर्मायी हुई है. इस बीच कल अमित शाह का दौरा काफी कुछ बदल गया. अमित शाह ने मंच से गहलोत सरकार पर तीखे हमले किये और कुर्सी को लेकर जारी खींचातानी पर भी चुटकी ली.
आगामी विधानसभा चुनावों के देखते हुए अमित शाह का ये दौरा खास रहा. जहां भरतपुर संभाग के चार जिलों-भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर और धौलपुर के बूथ अध्यक्षों के साथ ही कार्यकर्ता शामिल रहें. आपको बता दें कि भरतपुर संभाग के चार जिलों की 19 विधानसभा सीटों पर बीजेपी का फोकस है.
2018 के चुनावों में बीजेपी सिर्फ धौलपुर सीट को जीत सकी थी. जबकी संभाग के चार जिलों में 19 विधानसभा सीटें हैं. 16 सीटें कांग्रेस ने जीती थे, जबकि एक पर राष्ट्रीय लोक दल और एक निर्दलीय के खाते में गयी थी. बाद में रालोद और निर्देलीय विधायक ने गहलोत सरकार को समर्थन दे दिया.
राजनैतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि 2013 में जब वसुंधरा राजे की सरकार बनी थी. तब बीजेपी का 19 में से 11 सीटों पर कब्जा हो गया था. लेकिन अब मीणा गुर्जर और एसटी बहुल पूर्वी राजस्थान पर बीजेपी की पकड़ कमजोर हो चुकी है. इसलिए पार्टी का पूरा फोकस ही इन जगहों पर है.
ये ही वजह है कि फरवरी में पीएम मोदी ने दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे के सोहना दौसा खंड के उद्घाटन के बाद दौसा में ही जनसभा की थी. इस दौरान पार्टी की तरफ से पूर्वी राजस्थान के 8 जिलों से भीड़ को जुटाकर अपनी ताकत का अहसास कराया गया था. इधर अप्रैल में बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी सवाईमाधोपुर का दौरा किया था और एसटी सम्मेलन को संबोधित किया था.