सचिन पायलट को लगा बड़ा झटका, कांग्रेस की इस लिस्ट में सिर्फ अशोक गहलोत को मिली जगह
Rajasthan Politics : राजस्थान की सियासत में सचिन पायलट को एक झटका लगा है. कर्नाटक चुनाव के लिए कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में राजस्थान से सिर्फ अशोक गहलोत को जगह मिली है. Sachin Pilot को इस लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है.
Ashok gehlot and Sachin Pilot : राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे घमासान में पायलट को एक बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस नेतृत्व की ओर से जारी स्टार प्रचारकों की लिस्ट में पायलट को शामिल नहीं किया गया है. कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए जारी हुई स्टार प्रचारकों की लिस्ट में राजस्थान से सिर्फ अशोक गहलोत का नाम ही शामिल है.
अक्सर पायलट समर्थकों की तरफ से ये दावा किया जाता है कि वो पार्टी के लिए स्टार प्रचारक है. वो हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में देश के किसी भी हिस्से में पार्टी के लिए चुनाव प्रचार कर बेहतर वक्ता साबित होते है. लेकिन कर्नाटक चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट में सचिन पायलट को शामिल नहीं किए जाना उनके लिए एक बड़ा झटका है.
अशोक गहलोत का नाम शामिल
कर्नाटक चुनाव के लिए जारी 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट में राजस्थान से सिर्फ अशोक गहलोत का नाम शामिल है. इसके अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल, डीके शिवकुमार, सिद्धेरमैया, शशि थरूर, जयराम रमेश जैसे नेताओं के नाम शामिल है. सचिन पायलट के अलावा मध्यप्रदेश कांग्रेस नेताओं में दिग्विजय सिंह और कमलनाथ का नाम भी लिस्ट में नहीं होना चर्चा का विषय बना हुआ है.
सचिन पायलट को झटका
जयपुर में कांग्रेस के कार्यक्रम में आज ही प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बड़ा बयान देते हुए कहा था कि जो भी नेता कांग्रेस पार्टी के खिलाफ है. मैं उसके खिलाफ हूं. मैं पंजाब से यहां कांग्रेस सरकार को रिपीट करने आया हूं. कोई नेता कितनी भी बड़ा क्यों न हो. अगर पार्टी को नुकसान पहुंचाया तो उसे बाहर का रास्ता दिखाएंगे. रंधावा का सरकार रिपीट करने का स्पष्ट बयान भी एक तरह से सचिन पायलट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
सचिन पालयट को लेकर आज ही रंधावा ने एक और बयान भी दिया था. कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने वसुंधरा राजे सरकार के भ्रष्टाचार पर कार्रवाई को लेकर हुए पायलट के अनशन पर कहा कि उनको ये आवाज विधानसभा में उठानी चाहिए थी. वहां पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी होते और विपक्षी पार्टी के लोग भी होते.