Rajasthan Politics : सचिन पायलट के करीबी पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. 1999 के चुनाव में सीकर से कांग्रेस के नेता बलराम जाखड़ को हराकर चर्चा में आए थे. महरिया सीकर से तीन बार सांसद बनें. 


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जब सचिन पायलट पीसीसी चीफ के पद पर थे तो महरिया को कांग्रेस पार्टी में लाने में उसकी बड़ी भूमिका थी. अब चर्चा है कि बीजेपी की तरफ से महरिया को आगामी विधानसभा चुनावों में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के खिलाफ ही मैदान में उतार सकती है.आज पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल होकर कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन सकते हैं. 


सचिन पायलट के करीबी महरिया अक्टूबर 1999 से जनरी 2003 तक ग्रामीण विकास मंत्री रहें . फिर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में जनवरी 2003-2004 तक उपभोक्ता मामला खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री बने. 


सुभाष महरिया ने साल 1998 से लेकर 2009तक सीकर से बीजेपी की टीकट पर तीन बार सांसद का चुनाव लड़ा और जीते. लेकिन फिर 2009 में महादेव सिंह खंडेला ने हार गये. साल 2014 में बीजेपी ने महरिया को टिकट नहीं दिया तो वो निर्दलीय लड़े.
 
जिसके बाद सचिन पायलट के कहने पर महरिया ने कांग्रेस पार्टी में एंट्री ली. साल 2019 में महरिया को कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया. महरिया को कांग्रेस में लाने में पायलट के अलावा तत्कालीन एआईसीसी के प्रभारी महासचिव गुरुदास कामत और पूर्व पीसीसी प्रमुख नारायणसिंह की मुख्य भूमिका थी.


सचिन पायलट के बगावती तेवरों के बाद उनके कांग्रेस में रहने, नहीं रहने या फिर नई पार्टी बनाने पर अटकलों का बाजार गर्म है. इस बीच पायलट के करीबी सुभाष महरिया ने बीजेपी का दामन फिर से थामने का फैसला कर लिया है. ऐसे में सवाल उठाना लाजमी है कि अगला नंबर किसका है ?


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