जन संघर्ष यात्रा के समापन पर सचिन पायलट का भाषण, कही ये 10 बड़ी बातें
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार को चुनौती दे डाली है, पायलट ने गहलोत सरकार को 15 दिन का वक़्त देते हुए 3 बड़ी मांगे रख दी है, जिनमें RPSC को भंग करना, पेपर लीक के अभ्यथियों को मुआवजा देने और वसुंधरा सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार पर एक्शन की मांग की है.
Sachin Pilot targets Ashok Gehlot : कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार को चुनौती दे डाली है, पायलट ने गहलोत सरकार को 15 दिन का वक़्त देते हुए 3 बड़ी मांगे रख दी है, जिनमें RPSC को भंग करना, पेपर लीक के अभ्यथियों को मुआवजा देने और वसुंधरा सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार पर एक्शन की मांग की है. साथ ही सचिन पायलट के तेवर पूरे कार्यक्रम में तीखे ही नजर आए. चलिए जानते सचिन पायलट के भाषण की 10 बड़ी बातें.
सचिन पायलट ने कहा कि...
-गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि हम बिना पद के गाली खा-खाकर संगठन के लिए काम कर रहे हैं और आप सत्ता में बैठकर मलाई खा रहे हो. लोग यह सुन लें कि मुझे किसी सीमा में न बांधें, मैं किसी एक धर्म या समाज का नहीं हूं. मैं 36 कौम का बेटा हूं. राजस्थान का बेटा हूं.
-मैं किसी पद पर रहूं या न रहूं. राजस्थान की जनता की सेवा करता रहूंगा. डरने वाला नहीं हूं, दबने वाला नहीं हूं. आपके लिए लड़ा हूं और लड़कर रहूंगा
-मुख्यमंत्री गृह मंत्री, वित्त मंत्री भी हैं, मैंने कई बार कहा कि हमने जो कहा है, उसकी जांच करवाइए. हमें दुनिया को दिखाना पड़ेगा कि हम जो कहते हैं, वो करते हैं.
-जो बच्चे साल-दो साल मेहनत करते हैं, लाखों रुपए खर्च करते हैं, किराए के मकान में रहते हैं और फिर पेपर लीक हो जाता है. इसकी जड़ तक जाना होगा. कटारा को आपने अरेस्ट कर लिया. कटारा किसके कहने पर आरपीएससी के सदस्य बने, यह पता करना पड़ेगा?
-2013 में हमारे सिर्फ 21 विधायक रह गए थे. हमने इन पांच सालों में वसुंधरा सरकार का नीतियों के आधार पर कड़ा विरोध किया. गहलोत ने भी वसुंधरा पर बढ़-चढ़कर आरोप लगाए थे. हाईकमान सीएम किसको बनाए, यह हमारे हाथ में नहीं है.
-यह कहां की नीति है कि अपनी पार्टी के नेता को बदनाम करो, भाजपा के नेताओं का गुणगान करो. यह चलने वाला नहीं है. जो कुर्सी पर बैठता है, उसे न्याय करना पड़ेगा.
-मैं भी 20 साल से राजनीति कर रहा हूं. बड़े-बड़े पद मिले. जनता और पार्टी मेरे काम करने के तरीके के बारे में जानती है. कोई विरोधी भी अंगुली नहीं उठा सकता. प्यार से मांगोगे तो हाथ काट कर देंगे, धमकाकर लोगे तो छोड़ेंगे नहीं.
-गांव-ढाणी, शहरों में बड़ा आंदोलन होगा. न्याय करवाएंगे. हम लोगों के पास कुछ नहीं है. हम तो पैर में जूता डालकर निकल पड़े थे.
-मुझे लगा कि हमें जनता के बीच जाना चाहिए. भ्रष्टाचार समाज को दीमक की तरह खा रहा है. हम लोगों को करारा प्रहार करना पड़ेगा.
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