Rajasthan Politics : पुलवामा शहीद की वीरांगनाओं का मामला इस समय देशभर में सुर्खियां बटोर रहा है. अब तक सड़क पर चल रहा वीरांगनाओं का मामला आज सदन में भी गूंजा. सदन में दोपहर 2 बजे संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने सरकार की ओर से जवाब पेश किया. अपने जवाब में शांति धारीवाल ने बताया कि किस तरह से किरोड़ी लाल मीणा ने पुलिसकर्मियों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया. उनके साथ धक्का-मुक्की की और समझाने के बावजूद किरोड़ी लाल मीणा और उनके समर्थक कानून व्यवस्था बिगाड़ने पर आमादा रहे है. जिसकी वजह से किरोड़ीलाल व उनके समर्थकों पर दो मुकदमे दर्ज किए गए. वही अपने जवाब में मंत्री शांति धारीवाल ने शनिवार को बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए प्रदर्शन का भी जिक्र किया और कहा जिस तरह से पुलिस के सामने उनके तीन वाहनों पर पत्थर मारकर तोड़ा गया. पुलिस के साथ अभद्रता की गई उस मसले में भी एक मुकदमा दर्ज किया गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मंत्री के इस जवाब से उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित अन्य बीजेपी विधायकों ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि मंत्री वीरांगनाओं को लेकर अपना वक्तव्य देंगे. लेकिन वह तो किरोड़ी लाल मीणा को आतंकवादी साबित करने पर तुले हुए हैं. राठौड़ ने कहा कि मुकदमा दर्ज करने से हम डरने वाले नहीं हैं. सरकार के मंत्री शहादत के समय शहीद के घर जाकर वादा करके आते हैं. उन्हें आश्वस्त करते हैं कि वह जिस परिजन को चाहेंगे उसे नौकरी देंगे. राठौर ने कहा कि इसके वीडियो फुटेज भी उपलब्ध है अगर मंत्री शांति धारीवाल इसे गलत साबित कर देंगे तो मैं त्यागपत्र दे दूंगा. वहीं भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि अगर सरकार के मंत्रियों के कहे पर सीएम अशोक गहलोत को विश्वास नहीं है तो ऐसे नौसिखिया मंत्रियों को सीएम ने क्यों रखा हुआ है. वही विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि शांति धारीवाल कह रहे हैं कि पुलिसकर्मी घायल हुए हैं तो मंत्री बताएं कि वह पुलिसकर्मी किस अस्पताल में भर्ती है.


इसके बाद जैसे ही मंत्री शांति धारीवाल विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने कहा कि जब वह वीरांगना मधुबाला के घर गए थे तो उन्होंने किसी भी तरह का वायदा उनसे नहीं किया. इस पर सदन में विपक्ष के सदस्य हंगामा करने लगे और स्पीकर सीपी जोशी ने एक बार चर्चा को समाप्त कर दिया. एक बार फिर जब मंत्री जवाब देने लगे तो उन्होंने कहा कि हमने कभी यह नहीं कहा कि हम परिजनों को नौकरी देंगे. हमने कहा कि हम परिवार के सदस्यों को नौकरी देंगे और परिवार के सदस्य में पति पत्नी और बच्चे आते हैं. देवर परिवार की परिभाषा में नहीं आता है. उन्होंने तीनों वीरांगनाओं को दिए गए पैकेज की जानकारी सदन को दी. साथ ही कहा कि जो मंजू जाट अपने देवर के लिए नौकरी मांग रही है. वह देवर पहले से ही शादीशुदा है और वह उसके नाते चली गई है. और अब उसके लिए नौकरी मांग रही है, ऐसा कभी हुआ है क्या? नियम के विरुद्ध किसी को नौकरी मिली है क्या? मंत्री धारीवाल के इस बयान पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ उखड़ गए. उन्होंने कहा कि आपको कैसे पता कि वह नाते चली गई है. एक महिला का सदन में चरित्र हरण कर रहे हैं, यह सदन कभी भी इसे स्वीकार नहीं करेगा. आप नाते और आतंकवादी जैसे शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं और इसके बाद सदन में हंगामा होने लगा.


इसके बाद सदन में गतिरोध लगातार जारी रहा. बीजेपी विधायकों के साथ आरएलपी के विधायक भी वैल में धरने पर बैठ गए. करीब 1 घंटे 10 मिनट तक गतिरोध चलता रहा. इसके बाद स्पीकर सीपी जोशी ने देशद्रोही, नाता और आतंकवादी शब्दों को कार्यवाही से हटाने के निर्देश दिए. तब जाकर गतिरोध खत्म हुआ.