रंधावा बोले- राजेंद्र गुढ़ा और BJP में कहीं कोई साठगांठ तो नहीं, जांच करेंगे, दिव्या मदेरणा पर दिया ये रिएक्शन
राजस्थान की सियासी हलचल एक बार फिर तेज हैं. बयानबाजी करने वाले नेताओं पर कांग्रेस पार्टी सख्त नजर आ रही है, लिहाजा ऐसे में पहले मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को उनके पद से बर्खास्त किया गया तो वहीं उसके बाद विधायक दिव्या मदेरणा को उनके बयानबाजी को लेकर तलब किया गया.
Sukhjinder Singh Randhawa : राजस्थान की सियासी हलचल एक बार फिर तेज हैं. बयानबाजी करने वाले नेताओं पर कांग्रेस पार्टी सख्त नजर आ रही है, लिहाजा ऐसे में पहले मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को उनके पद से बर्खास्त किया गया तो वहीं उसके बाद विधायक दिव्या मदेरणा को उनके बयानबाजी को लेकर तलब किया गया. वहीं अब प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का भी बयान सामने आया है.
दिव्या मदेरणा पर दिया ये रिएक्शन
प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. कांग्रेस एक डेमोक्रेटिक पार्टी है, लेकिन अनुशासन जरूरी है. पार्टी के अंदर कोई भी बोल सकता है, लेकिन बार-बार पार्टी के बाहर पब्लिक प्लेटफॉर्म पर बात करना गलत है या पार्टी विरोधी बात करना भी ठीक नहीं है. प्रभारी रंधावा ने कहा कि जिस तरीके से राजेंद्र गुढ़ा ने बयान दिया और उनके बयान के बाद नेता प्रतिपक्ष ने तत्काल रिएक्शन दिया. उसकी भी हम जांच करेंगे कि कहीं दोनों में सांठगांठ तो नहीं. वहीं दिव्या मदेरणा के मामले को लेकर प्रभारी रंधावा ने कहा कि मदेरणा परिवार कांग्रेसी परिवार है, उन्होंने कभी भी पार्टी विरोधी बात नहीं की. बात कही वह उनका नजरिया था.
राजेंद्र गुढ़ा के लिए कहा ये
गुढ़ा के मामले पर सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि कल सदन में मणिपुर को लेकर हमारे विधायक बोल रहे थे, तब हमारे एक मंत्री ने कहा कि मणिपुर को छोड़िए राजस्थान की बात कीजिए. जैसे उनकी भाषा थी, प्रतिपक्ष के नेता उसी समय इस पर रिएक्ट करते हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मंत्री परिषद का सदस्य खड़ा होकर स्टेटमेंट देता है तो वह सरकार की भावना के साथ नहीं है. पहले भी दो बार ऐसी बातें हो चुकी थी, मैंने राजेंद्र गुढ़ा को हिदायत दी थी. एक बार से ज्यादा ऐसा मामला हो चुका था. इसलिए मैंने उन्हें सख्ती से कहा था कि आइंदा ऐसा नहीं होना चाहिए. जिसका उन्होंने भरोसा भी दिलाया था.
वहीं बीजेपी पर हमला बोलते हुए प्रदेश प्रभारी रंधावा ने कहा कि पिछले 2 महीने से वहां लोगों पर अत्याचार हो रहे हैं. महिलाओं की तस्वीरें शर्मसार करने वाली आई है. महिलाओं का दर्जा हमारे समाज में बहुत ऊंचा है. जवानों का कहना है कि उन्होंने देश की इज्जत बचा ली, लेकिन महिलाओं की इज्जत नहीं बचा सके और वहां सुरक्षा तैनाती भी भारी होने की बात कही जा रही है, लेकिन इतनी तैनाती के बाद भी स्थिति नियंत्रण में नहीं आ रही, तो अब तक तो राज्य सरकार को डिसमिस कर दिया जाना चाहिए था.
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