Raghu Sharma : चुनावी साल में कांग्रेस की तैयारियों को लेकर पार्टी नेता और पूर्व मन्त्री डॉ रघु शर्मा का कहना है कि अगर कांग्रेस नेता जनता में अपनी एकजुटता का मैसेज दे सके तो उन्हें चुनाव जीतने में कोई दिक्कत नहीं होगी. रघु शर्मा ने कहा कि वे 40 साल से यही काम कर रहे हैं. चुनाव में अपनी भूमिका के सवाल पर रघु शर्मा बोले कि वे राजस्थान के बारे में जानते हैं और पार्टी उन्हें जो काम कहेंगे वे उसे करने के लिए तैयार हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी आलाकमान को इन मुद्दों को देखना चाहिए और जल्द एड्रेस करना चाहिए.


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कांग्रेस प्रदेश की सत्ता में अपनी सरकार रिपीट कराने की मुहिम में जुटी हुई है और पार्टी के नेता उसमें सहयोग के लिए तैयार भी हैं. इन नेताओं का कहना है कि सबसे ज़रूरी है पार्टी की एकजुटता. पूर्व मन्त्री और वरिष्ठ कांग्रेसी रघु शर्मा कहते हैं कि अगर पार्टी जनता के बीच अपनी एकजुटता का मैसेज दे पाई तो कांग्रेस को सत्ता में वापसी से कोई नहीं रोक सकता. चुनाव में रघु शर्मा की भूमिका पूछने पर वे कहते हैं कि उन्हें यह काम करते 40 साल हो गए और पार्टी की ज़रूरत के हिसाब से वे काम करने के लिए तैयार हैं.


रघु शर्मा मानते हैं कि पार्टी की एकजुटता और उस एकजुटता का मैसेज जनता में जाना ज़रूरी है. लेकिन यह सब कैसे होगा? इस सवाल पर पूर्व मन्त्री कहते हैं कि पार्टी हाईकमांड को इन सब चीजों को देखना चाहिए और एड्रेस करना चाहिए क्योंकि अब केवल 8 महीने ही बचे हैं. रघु शर्मा इस बात की उम्मीद जताते हुए कहते हैं कि जल्द ही इसका समाधान अच्छी तरह निकलेगा और कांग्रेस पार्टी एकजुट होकर चुनाव मैदान में जाएगी.


गहलोत सरकार के काम और बजट में हुई घोषणाओं का ज़िक्र करते हुए रघु शर्मा कहते हैं कि संगठन की भी बड़ी ज़िम्मेदारी है. पूर्व मन्त्री ने कहा कि सरकार के फैसले जनता का कैसे पहुंचे, इस बारे में दो पहलू हैं. उन्होंने कहा कि पहला तो पार्टी कार्यकर्ता और दूसरा एडमिनिस्ट्रेटिव सेटअप दोनों मिलकर सरकार के काम को आम जनता तक पहुंचा सकते हैं. उन्होंने कहा कि इसी काम के लिए वे नये ज़िले बनाने की पैरवी कर रहे हैं.


पिछले कुछ समय से कांग्रेस नेता लगातार अपनी पार्टी की सरकार रिपीट करने की बात और दावे तो कर रहे हैं, लेकिन साथ ही पार्टी की एकजुटता के मैसेज को लेकर चिंतित भी दिख रहे हैं. रघु शर्मा खुद गुजरात चुनाव में पार्टी के प्रदेश प्रभारी रहे और ऐसे में चुनाव का हालिया अनुभव के नज़रिये से वे अपनी बात रख रहे हैं. लेकिन सवाल यह है कि जिस हाई कमान की तरफ़ से पार्टी की एकजुटता के मामले को एड्रेस करने की बात रघु शर्मा कर रहे हैं, उस हाई कमान का कमाण्ड पार्टी के सभी नेताओं पर समान रूप से दिख तो रहा है क्या? सवाल यह भी कि अगर कमाण्ड है तो हाई कमान क्या? फ़ैसला लेगा और वह फ़ैसला पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश का इंजेक्शन लगाने में कितना कामयाब हो पाएगा.