Pratapgarh: प्रतापगढ़ के सुहागपुरा तहसील के कटारों का खेडा और लिम्बोदी गांव में ग्रामीणों से विभिन्न समस्याओं को लेकर चर्चा की गई. जिसमें सामने आया कि आज भी बालश्रम मुख्य समस्या है, इसे रोकने के लिए समाज के सभी वर्गों की ओर से सामूहिक प्रयास आवश्यक है. इस दौरान बाल संरक्षण समिति कि ओर से बाल शोषण और बाल श्रम जैसी कुरीतियों पर समिति के द्वारा किए गए कार्यों को बताया गया. बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष पन्नालाल और सचिव मणिलाल ने बताया कि बालश्रम समाज के लिए एक कलंक हैं, सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए बहुत सारे कदम भी उठाए हैं. समस्या के विस्तार और गंभीरता को देखते हुए इसे सामाजिक और आर्थिक समस्या माना जाना चाहिए, जो चेतना की कमी, निरक्षरता और गरीबी से जुडी हुई हैं. 


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संरक्षण समिति के अध्यक्ष ने बताया कि इस समस्या के समाधान के लिए समाज के सभी वर्गों द्वारा सामूहिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता हैं. कार्यक्रम समन्वयक कमलेश जांगिड़ ने बताया कि भारत सरकार द्वारा  बाल श्रम को रोकने के लिए कई कानून और दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं. संविधान द्वारा 6-14 वर्ष तक के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार प्राप्त है. सरपंच जीवनलाल ने बताया कि बाल श्रम उन्मूलन परियोजना के तहत समुदाय को संगठित करना, बाल श्रम पर जागरूकता फैलाना, बाल अधिकार संरक्षण के लिए समितियों का गठन और उनका क्षमता वर्धन करना, बच्चों को स्कूल से जोडऩा, किशोर उम्र के बच्चों में स्किल डवलपमेंट करना साथ ही परिवारों और युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार के लिए प्रयास किए जा रहें हैं. इस कार्यक्रम के आयोजन में कट्स के मुकेश सिंघल, उपसरपंच और ग्रामीण मौजूद रहें.


Reporter - Vivek Upadhyay


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