Dhariyawad News, Pratapgarh: राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के धरियावद उपखंड क्षेत्र के मूंगाणा सीनियर सेकेंडरी स्कूल भाग 2 पाल की चारदीवारी के पास कुएं में 12 फीट लंबा अजगर अब ग्रामीणों और स्कूली बच्चों के लिए चिंता का विषय बन चुका है. 


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दो दिन के लगातार प्रयास के बाद भी वन विभाग की टीम अब तक अजगर को रेस्क्यू नहीं कर पाई है. कुएं के अंदर की दीवार पर अजगर के होने से कई घंटों तक प्रयास के बाद भी वन विभाग की टीम को सफलता हासिल नहीं मिली. अजगर को देखने के लिए स्कूल के शिक्षक, ग्रामीण और बच्चों की भीड़ जुट रही है. 


ऐसे में स्कूल के शिक्षक बच्चों को कुंए के पास जाने से मना कर रहे है. इसके बाद भी बच्चें वहां जाने से नहीं मान रहे है. ऐसे में ग्रामीण और शिक्षक काफी चिंतित है. स्कूल में कई बच्चों को तो परिजनों ने स्कूल भेजना भी बंद करवा दिया है. अजगर का रेस्क्यू नहीं होने के कारण अब अजगर का खौफ स्कूल के साथ-साथ गांव के अंदर भी देखने को मिल रहा है. 


स्कूल के शिक्षक रमेशचन्द्र वैरागी ने बताया कि पिछले तीन दिनों से अजगर स्कूल के पीछे स्थित कुएं में बैठा है. इससे बच्चों की जान को खतरा बना हुआ है. वन विभाग को सूचना करने के बाद वन विभाग की टीम तो मौके पर पंहुच गई, लेकिन संसाधन के अभाव में अजगर को पकड़ने में नाकामयाबी मिली. इसके चलते ग्रामीणों ने अजगर को जल्द पकड़वाने की मांग की है. वन विभाग पिछले दो दिनों से प्रयास करने महज दिखावा करते नजर आ रहे है. विभाग के पास संसाधन नहीं होने के कारण इसका खामियाजा आमजन और स्कूली बच्चों को भुगतना पड़ रहा है.


वन विभाग की हर रोज घंटों का समय अजगर को रेस्क्यू करने में लगा रही है, लेकिन संसाधन के अभाव में उन्हें सफलता नहीं मिल पा रही है. अजगर का डर इतना बन चुका है कि 45 बच्चों के स्कूल में महज 20 बच्चें ही स्कूल पंहुच रहे है. बच्चों और उनके परिजनों का कहना है की जब तक अजगर को पकड़ कर कही दूर जंगल में नहीं छोड़ दिया जाता तब तक वह अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे. 


स्कूल के अध्यापक भी लगातार वन विभाग टीम से संपर्क कर समय समय पर सूचना दे रहे हैं, लेकिन अजगर को अब तक रेस्क्यू नहीं किया जा सका है. अजगर दिन में 12:00 बजे गर्मी की धूप लेने के लिए बिल से बाहर निकलता है और 3:00 बजे अपने बिल में फिर से प्रवेश कर लेता है. इसके बाद वन विभाग की टीम भी निराश होकर लौट जाती है. 
अजगर के पकड़ में नहीं आने से आसपास आबादी क्षेत्र होने पर ग्रामीणों में भी डर का माहौल बना हुआ है. ग्रामीणों द्वारा भी वन विभाग टीम को मदद की जा रही है. ग्रामीणों का कहना है कि अजगर को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा जाए. रात के समय में आसपास खेतों में किसानों स्कूल के पास बने मकानों में रहने वाले ग्रामीणों में भी भय का माहौल बना रहता है. 


सबसे अहम और बड़ी बात यह है कि वन विभाग हर साल इस क्षेत्र में 12 से 15 अजगर का रेस्क्यू करती है. इसके बाद भी वन विभाग की टीम के पास अजगर को रेस्क्यू करने के लिए कोई भी अहम साधन नहीं है. दो दिन से अजगर को पकड़ने का प्रयास कर रही वन विभाग की टीम के केवल ग्रामीणों के ही भरोसे है. खाट से लेकर सीढ़ी और अन्य साधन का इंतजाम भी ग्रामीण कर रहे है. वन विभाग की टीम केवल मुख दर्शक बनी हुई है.


Reporter- Vivek Upadhyay