Mahashivratri 2024: पूरे राजस्थान में महाशिवरात्रि की धूम, प्रतापगढ़ के दीपेश्वर महादेव में हुआ भस्मी अभिषेक
Pratapgarh News: महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर आस्था के प्रमुख केंद्र श्री दीपेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि को लेकर चार दिवसीय महोत्सव के तीसरे दिन देर शाम को भगवान भोलेनाथ का भस्मी अभिषेक किया गया. यहां शिवभक्त मंडल के तत्वावधान में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.
Pratapgarh News: महाशिवरात्रि का पर्व आज मनाया जाएगा. इसके लिए जिलेभर में तैयाारियां की गई हैं. शहर के आस्था के प्रमुख केंद्र श्री दीपेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि को लेकर चार दिवसीय महोत्सव के तीसरे दिन देर शाम को भगवान भोलेनाथ का भस्मी अभिषेक किया गया. यहां शिवभक्त मंडल के तत्वावधान में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है.
मंदिर पुजारी वरुणगिरी गोस्वामी ने बताया कि यहां मंदिर में कई श्रद्धालुओं ने भाग लिया. वहीं आयोजन के तहत भगवान भोलेनाथ का फूलों से आकर्षक श्रृंगार किया जा रहा है. पूरे मंदिर परिसर पर लाइट डेकोरेशन किया गया है. शिवभक्त मंडल के महासचिव मोहित भावसार ने बताया कि यहां आरती पश्चात प्रसाद वितरण किया जा रहा है. वहीं महाशिवरात्रि पर शुक्रवार को सनातन धर्म उत्सव समिति और शिव भक्त मंडल की ओर से प्रात: 1१ बजे से शोभायात्रा निकाली जाएगी. यह शोभायात्रा किला परिसर से शुरू होकर दीपेश्वर मंदिर पहुंचेगी.
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राजराजेश्वरी भक्त मंडल की ओर से निकाली प्रभात फेरी
महाशिवरात्रि के मौके पर आज प्रतापगढ़ में भी विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन किये जा रहे हैं. इसी के तहत राजराजेश्वरी भक्त मंडल की ओर से प्रभात फेरी निकाली गई. प्रभात फेरी में बड़ी संख्या में शामिल श्रद्धालु शिव धुन के साथ झूमते नाचते हुए निकले. मार्ग में प्रभात फेरी का लोगों ने पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया .
राजराजेश्वरी भक्त मंडल के विजय माहेश्वरी ने बताया कि महाशिवरात्रि के मौके पर राजराजेश्वरी मंदिर से हर हर महादेव के जयकारों के साथ प्रभात फेरी का आगाज हुआ. प्रभात फेरी में छोटे-छोटे बच्चे, महिलाएं एवं पुरुष शिव धुन गाते हुए झूम रहे थे. शहर के मुख्य मार्गो से होकर गुजरी इस प्रभात फेरी का मार्ग में जगह-जगह पुष्प वर्षा कर अभिनंदन किया गया. प्रभात फेरी में शिव पार्वती की सजीव झांकी और भूतों की टोली लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी .भगवान भोलेनाथ के जयकारों से छोटे-छोटे बच्चे आसमान गूंजा रहे थे तो युवा हाथों में केसरिया पताकाएं लहराते हुए माहौल को धर्ममय बना रहे थे. शोभायात्रा का समापन राजराजेश्वरी मंदिर पर हुआ.