Pratapgarh News: प्रतापगढ़ जिला अस्पताल के बिलकिस बाई मेमोरियल वार्ड में एक टीबी मरीज तीन घंटे तक तड़पता रहा. परिजनों का आरोप है कि कई बार कहने के बाद भी स्टाफ ने ना उसकी देखभाल की ना ही डॉक्टर को बुलाया.जब तक डॉक्टर पहुंचा तब तक वह दम तोड़ चुका था. परिजनों ने ऑक्सीजन के अभाव में जान जाने का आरोप लगाते हुए 20 मिनट तक हंगामा कर दिया.


12 बजे करीब जिला अस्पताल लेकर पहुंचे


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बताया गया कि 18 वर्षीय तरुण पुत्र निर्मल नागर पिछले पांच महीने से उदयपुर के सरकारी अस्पताल में टीबी का उपचार करवा रहा था.तबीयत में सुधार होने के बाद चार दिन पहले प्रतापगढ़ में बांसवाड़ा रोड स्थित अपने बड़े पापा के घर आया था. गुरुवार को अचानक से तबियत खराब होने पर बड़े पापा प्रकाश नागर उसे दोपहर में 12 बजे करीब जिला अस्पताल लेकर पहुंचे.


 बिलकिस बाई मेमोरियल वार्ड में भर्ती किया


उसे बिलकिस बाई मेमोरियल वार्ड में भर्ती किया. युवक की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और स्टाफ पर आरोप लगाया कि कई बार कहने के बाद भी स्टाफ ने ना तो उसे ऑक्सीजन दी और ना ही अस्पताल स्टाफ ने युवक के उपचार के लिए किसी डॉक्टर को बुलवाया.


 गुरुवार को भी जब दोपहर में तरुण को परिजन गंभीर हालत में अस्पताल लेकर पहुंचे तो अस्पताल स्टाफ ने वार्ड में भर्ती तो कर दिया, लेकिन उसके उपचार के कोई खास प्रबंध नहीं किए.टीबी की गंभीर बीमारी से ग्रसित युवक को साफ सुथरे बेड की जगह अस्पताल स्टाफ ने बरामदे में लगे एक बेड पर लिटा दिया.


तरुण की लगभग जान जाने के बाद स्टाफ ने आनन-फानन में डॉक्टर अंशुल जैन को फोन कर अस्पताल बुलाया. जिनकी ड्यूटी नहीं होने पर भी वे सूचना मिलते ही वार्ड में तरुण को देखने पहुंचे, लेकिन जब तक डॉक्टर अस्पताल पहुंचे तब तक तरुण की जान जा चुकी थी. इसके बाद डॉ. जैन भी मायूस दिखे.स्टाफ की लापरवाही के कारण डॉक्टर समय पर नहीं पहुंच पाए और तरुण का उपचार नहीं होने के कारण उसने दम तोड़ दिया. इसके बाद परिजनों ने स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया.आखिर में शव लेकर चले गए.


रिपोर्टर- हितेष उपाध्याय


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