प्रतापगढ़: संविदा नीति 2022 में गेस्ट लेक्चरर को शामिल करने की उठी मांग, कम वेतन में परिवार चलाना मुश्किल
Pratapgarh News: प्रतापगढ़ राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में अतिथि प्रवक्ताओं ने संविदा नीति 2022 में शामिल करने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के ज्ञापन दिया है. जिसमें सेलरी नियमित से लेकर कई मांगे रखी गई है.
Pratapgarh News: प्रतापगढ़ राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में अतिथि प्रवक्ताओं ने संविदा नीति 2022 में शामिल करने की मांग को लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में मांग करते हुए बताया कि राजस्थान सरकार की ओर से पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में काम करने वाले अतिथि प्रवक्ता के लिए विध्या संबल योजना लागू की गई थी. इस योजनाओं में कुछ विसंगति के कारण अतिथि प्रवक्ताओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
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6 माह के लिए हो जाते है बेरोजगार
उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में शैक्षिक सत्र के दौरान अतिथि प्रवक्ता सिर्फ 6 माह ही संस्था में अध्यापन कार्य करता है एवं महाविद्यालय से जुड़े रहने के बावजूद बाकी के 6 माह के लिए वे बेरोजगार हो जाते हैं. जिसके कारण कार्यरत अतिथि प्रवक्ता की ओर से अपने परिवार की आजीविका चलाना भी कठिन हो जाता है. वही पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में स्टाफ की कमी से शैक्षणिक कार्य संचालन एवं छात्रों को अध्ययन में भी दिक्कत होती है.
नियमित मासिक वेतन दिया जाए
ज्ञापन में मांग करते हुए कहा कि विध्या सम्बल में कार्यरत अतिथि प्रवक्ता को पूरे वित्तीय वर्ष नियमित मासिक वेतन दिया जाए जिससे उनकी आजीविका सुचारु रूप से चल सकें. विध्या सम्बल योजना के अंतर्गत पॉलिटेक्निक महाविध्यालय में कार्यरत अतिथि प्रवक्ता को संविदा नीति 2022 में समायोजित करने का अनुमोदन कराने की मांग की है. विध्या सम्बल योजना के अंतर्गत इस विनियम से सभी कार्यरत अतिथि प्रवक्ता पूरे वित्तीय वर्ष उपस्थित होंगे जिससे महाविद्यालय व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी एवं संस्थान के अन्य कार्य भी समय पर पूरे होंगे.
उच्च शैक्षिक गुणवत्ता का छात्रों को मिलेगा फायदा
ज्ञापन में बताया कि अगर उनकी मांग को पूरा किया जाता है तो पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में पूर्णकालिक स्टाफ होने से छात्रों का उच्च शैक्षिक गुणवत्ता एवं अन्य शैक्षणिक क्रियाकलाप आयोजन होने से सुदृढ विकास होगा . इसी के साथ महाविद्यालय का वातावरण नई ऊर्जा से संचारित होगा. जिससे विशेषत: सह-शैक्षणिक गतिविधिया सुचारु चल सकेगी. महाविद्यालय में सभी प्रकार की सह-शैक्षणिक गतिविधियाँ समयबद्ध आयोजित हो सकेगी जिससे छात्रों का सर्वागीण विकास हो सकेगा. महाविद्यालय सुचारु रूप से चलेगा एवं पूरे एकेडमिक वर्ष में यह शैक्षिक एवं सह-शैक्षणिक क्रियाकलापों के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट आयाम स्थापित करेगा.
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