Pratapgarh News: प्रतापगढ़ में नाबालिग को भगा कर ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में प्रतापगढ़ की पोक्सो अदालत ने सुनवाई पूरी होने पर दोषी मानपुरा निवासी अर्जुन सिंह को 20 साल कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा से दंडित करते हुए जेल भेजने के आदेश दिए. इस मामले में डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुई. 


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विशिष्ट लोक अभियोजक पॉक्सो कोर्ट किशनलाल कुमावत ने बताया कि 5 साल पहले 13 अगस्त 2020 को प्रार्थी की ओर से प्रकरण दर्ज करवाया गया था कि उसकी नाबालिग बेटी 12 अगस्त को शाम को घरेलू सामान लेने के लिए बाजार गई थी लेकिन वह लौटकर नहीं आई. 


पुलिस अनुसंधान के बाद मध्य प्रदेश के मंदसौर से नाबालिग को दस्तयाब किया गया. इस दौरान सामने आया कि नाबालिग गर्भवती है. मानपुरा निवासी अर्जुन सिंह उसको भगा कर ले गया था और मंदसौर में ही एक कमरे पर रख रखा था. 


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पुलिस ने अर्जुन सिंह को गिरफ्तार कर लिया था तभी से मामला पोक्सो अदालत में विचाराधीन था. सुनवाई पूरी होने पर विशिष्ट न्यायाधीश डॉक्टर प्रभात अग्रवाल ने अर्जुन सिंह को दोषी मानते हुए 20 साल कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा से दंडित करते हुए जेल भेजने के आदेश दिए. अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत के समक्ष 14 गवाह और 28 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए. इस मामले में डीएनए की मैच रिपोर्ट महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुई. 


पढ़िए प्रतापगढ़ की एक और खबर 
प्रतापगढ़ में करंट लगने से युवक की हुई मौत, जांच में जुटी पुलिस 


Pratapgarh News: प्रतापगढ़ जिले के सुहागपुरा थाना क्षेत्र के बंजारी गांव में एक घटना में कालूराम मीणा की करंट लगने से मौत हो गई. युवक शाम को अपने खेत में कुंए से पानी देने के लिए मोटर चालु करने गया था, इस दौरान उसे बिजली का करंट लगने से युवक वही पर घिर गया.


परिजन और ग्रामीण उसे तुरंत जिला अस्पताल लेकर आए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है. जांच अधिकारी भंवरलाल ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि कालूराम की मौत करंट लगने से हुई है, लेकिन इसके कारणों की जांच की जा रही है. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. 


परिवारजनों ने बताया कि मृतक कालूराम मीणा के परिवार में दो छोटे बालक और दो बालिकाएं हैं, जिनकी देखभाल अब एक बड़ी चुनौती होगी. युवक अपने परिवार का भरण-पोषण मजदूरी कर करता था. कालूराम की मौत से उसके परिवार में कोहराम मच गया है और सभी सदस्यों में शोक की लहर है.