Nathdwara: राजसमंद के नाथद्वारा में प्रतिवर्ष आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को श्रीनाथजी मंदिर के 'खर्च भण्डार' में प्राचीन परंपरानुसार विभिन्न धान्यादी भौतिक वस्तुओं के तौल से आगामी वर्ष में पैदावार और व्यापार हेतु पूर्वानुमान लगाया जाता है, जिसे 'आषाढ़ी तौलना' कहते हैं.


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बता दें कि कल पूर्णिमा पर तौल कर रखे धान आदि वस्तुओं को आज ग्वाल के दर्शनों में पुनः श्रीजी के मुख्य पंड्या के सांनिध्य में खर्च भंडार के भंडारी, कर्मचारी आदि की उपस्थिति में तौला गया, जिसके आधार पर इस वर्ष धान्य की पैदावार में बढ़त बताई गई है.


वर्षा सामान्य से अधिक (आषाढ़ में तीन आना, श्रावण में चार आना, भाद्रपद (भादवा) में पांच आना आसोज में दो आना ) और वायु पश्चिम दिशा की होगी. मनुष्य में आधा रत्ती और पशुधन में पाव रत्ती की नामक में पाव रत्ती की एवं घास में आधा रत्ती की घटोत्तरी होगी.


Reporter: Devendra Sharma