Rajsamand: राजसमंद के भीम-देवगढ़ के कुछ लोग राजसमंद कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. जहां पर इन्हें राजसमंद पुलिस प्रशासन द्वारा गेट पर ही रोक दिया गया और मामला गरमा गया. इस पर लोगों ने आक्रोश जताया. जब भीम से विधायक सुदर्शन सिंह रावत स्वयं कलेक्ट्रेट पहुंचे तो उन्हें भी गेट के बाहर रोक दिया गया और वहां मौजूद एक पुलिसकर्मी द्वारा विधायक से जिद्द-बहस की गई. इस पर विधायक और समर्थकों ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की और देखते ही देखते महौल और गर्म हो गया. वहीं जब इस बात का पता जिला कलेक्टर सक्सेना को चला तो उन्होंने तुरंत इस पर एक्शन लिया और विधायक के साथ साथ वहां मौजूद लोगों को भी ऊपर आने के निर्देश दिए.


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कलेक्टर के चैंबर में जैसे ही विधायक सुदर्शन सिंह रावत पहुंचे तो कलेक्टर सक्सेना ने विधायक से उनकी समस्या के बारे में जानना चाहा लेकिन इस पर विधायक सुदर्शन सिंह रावत और उनके साथ आए. लोगों ने पहले पुलिसकर्मी पर कार्रवाई करने की बात कही और उसके बाद, बात करने के लिए कहा. देखते ही देखते कलेक्ट्रेट परिसर छावनी में तब्दील हुई और मौके पर एडिशनल एसपी शिवलाल बैरवा, राजसमंद डिप्टी बेनी प्रसाद मीणा को बुलाया गया.


वहीं कंट्रोल रूम में मैसेज होने के बाद राजनगर थानाधिकारी डॉ. हनवंत सिंह राजपुरोहित और कांकरोली थानाधिकारी डीपी दाधीच भी जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे और मोर्चा संभाला लेकिन मामला शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा था. करीब एक घंटे तक कलेक्टर के चैंबर में भीड़ का मजमा लगा रहा और आखिकार कलेक्टर सक्सेना को एएसआई रामेश्वर मीणा के खिलाफ विभागी कार्रवाई के मौखिक आदेश देने पड़े. इसके बाद विधायक रावत और उनके समर्थक बात करने को राजी हुए.


मीडिया से वार्ता के दौरान विधायक सुदर्शन सिंह रावत ने कहा कि जनता की बात सुनने के लिए जब खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दरबार खोल रखे हैं तो कलेक्ट्रेट में तैनात पुलिसकर्मी द्वारा जनता के साथ साथ जनप्रतिनिधि को रोकना गलत बात है. विधायक सुदर्शन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनता की बात सुनने के लिए सभी को कह रखा है कि जनता के काम के लिए सभी दरवाजे खुले रखें.


उन्होंने कहा कि बिना कलेक्टर के निर्देश पर एक एएसआई इस तरह की गुस्ताखी कर लें यह गलत बात है. इस दौरान विधायक रावत ने कहा कि जब एक भाजपा की सांसद कलेक्ट्रेट आती है तो पीछे के सारे दरवाजे खोल दिए जाते हैं. कांग्रेस के विधायक के साथ जब लोग आते हैं तो गेट बंद कर दिए जाते हैं. कलेक्ट्रेट में चार से पांच लोगों के अंदर आने वाले नियम पर उन्होंने कहा कि नियम कलेक्टर के चैंबर में जाने पर लागू हो, ना कि गेट पर.अगर जनता के साथ ऐसा रवैया होने लगा तो कल को सभी अधिकारी अपने अपने दरवाजे बंद करके बैठ जाएंगे.


बता दें कि विधायक सुदर्शन सिंह रावत के नेतृत्व में उदयपुर के बहुचर्चित कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तार करने में अहम भूमिका निभाने वाले शक्ति सिंह और प्रहलाद सिंह को मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार सुविधा दिलाने की मांग को लेकर क्षेत्र के लोग जिला कलेक्टर सक्सेना से मिलने पहुंचे उस दौरान यह पूरा वाकया सामने आया. मामला शांत होने के बाद कन्यालाल हत्याकांड को पकड़वाने में मुख्य किरदार शक्ति सिंह और प्रहलाद सिंह की मांगों का ज्ञापन कलेक्टर नीलाभ सक्सेना को सौंपा गया जिस पर कलेक्टर सक्सेना ने जल्द विचार करने का आश्वासन दिया.


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