राजसमंद: जिले के स्थित जलचक्की पर आयोजित हुए गणेश महोत्सव में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में रचनाकारों की हास्य-व्यंग्य, करूण रस और श्रृंगार रस की प्रस्तुति दी. बता दें कि जेसी ग्रुप अध्यक्ष और नगर परिषद सभापति अशोक टांक के सहयोग में पाण्डाल में बिराजित प्रथम पूज्य गणपति बप्पा की विधि-विधान से की गई. इसके बाद नाथद्वारा से हास्य-व्यंग्य के कवि कानू पण्डित मेवाड़ के लोगों के जीवन और मेवाड़ी संस्कृति पर रचनाएं पेश करते हुए पैराडियों से श्रोताओं को गुदगुदाया. इसके बाद सोनियाणा के करुण रस के कवि नरेन्द्र सिंह रावल ने हल्दीघाटी की लड़ाई में महाराणा प्रताप और चेटक के अंतिम समय के दौरान एक-दूसरे के संवाद को प्रस्तुत करते हुए चेटक के बलिदान को नमन किया. 


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उन्होंने जटे दौड़वाऊं पार नी पड़तो वटे चेटक उड़ जातो एवं मूं जियो जतरे राणाजी करी थारी चाकरी, रचना सुनाकर श्रोताओं को महाराणा प्रताप और मेवाड़ की आन-बान-शान से परिचित करवानते हुए गौरवान्वित किया. इस पर पाण्डाल में श्रोताओं ने महाराणा प्रताप के खूब जयकारे लगाए, तो वहीं कुछ श्रोताओं ने रावल का ईकलाई पहनाकर सम्मान किया. 


इसके बाद उन्होंने बूढ़ापे में मस्ती के साथ जीने का तरीका सीखाते हुए अपने हाव-भावों के साथ अब भी लगती है मुझे बुढिय़ा बहुत हसीन, दिखला दूं क्या घंटी वाला सीन, प्रस्तुत करते हुए श्रोताओं को लोटपोट कर दिया. बता दें कि मंच का संचालन कोटा के बुद्धिप्रकाश दाधीच ने करते हुए बीच-बीच में अपने अंदाज में पैरोडियां और राजनीति व समसामायिक विषयों पर हास्य और व्यंग्य करते हुए श्रोताओं को गुदगुदाया. सम्मेलन में प्रभु श्रीद्वारिकाधीश मंदिर के कार्यकारी अधिकारी विनित सनाढ्य, नगर परिषद में नेता प्रतिपक्ष हिम्मत कुमावत, पार्षद हेमंत रजक, प्रमोद रैगर, कमलेश साहू सहित कई पार्षद और विशिष्टजनों के साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे. 


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