राजसमंदः राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर द्वारा प्रदत एक्शन प्लान के अनुसार आदिवासियों के संरक्षण और छुआछूत के विरुद्ध वर्षभर अभियान संचालित किया जा रहा है, बता दें कि उक्त निर्देशों की पालना में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मनीष कुमार वैष्णव (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) राजसमंद ने जनजातीय बालिका आश्रम छात्रावास, नाथद्वारा का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान छात्रावास में 42 बालिकायें उपस्थित मिलीं. बता दें कि वैष्णव ने छात्रावास के सफाई, सुरक्षा, भोजन इत्यादि का गहनता से जांच की. छात्रावास में अग्निमशन यंत्र, सीसीटीवी कैमरा उपलब्ध नहीं हैं. छात्रावास में बालिकाओं को सेनेट्री पैड उपलब्ध नहीं करवाया जाता. पर विद्यालय द्वारा उड़ान योजना के तहत सेनेट्री पैड उपलब्ध करवाया जाना बताया गया. 


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वैष्णव ने बालिकाओं से संवाद कर भोजन व्यवस्था के प्रति जानकारी ली. बालिकाओं ने भोजन व्यवस्था के प्रति संतोष व्यक्त किया, तो वहीं, छात्रावास प्रशासन द्वारा जानकारी दी गई कि बालिकाओं का नियमित चिकित्सीय परीक्षण नहीं हो पा रहा है. बालिकाओं को डीबीटी के माध्यम से छात्रवृति प्राप्त होना बताया. इस दौरान छात्रावास में जागरुकता शिविर का आयोजन कर गुड टच और बेड टच के बारें में जानकारी दी. 


साथ ही रालसा द्वारा वर्षभर अनुसूचित जाति/जनजाति के अधिकारों एवं छुआछुत के विरुद्ध अभियान की जानकारी देते हुए छुआछूत, बाल विवाह, नशाखोरी जैसी विभिन्न कुरीतियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की. उन्होंने पॉक्सो एक्ट, किशोर न्याय बोर्ड अधिनियम 2015 की जानकारी देते हुए बताया कि अगर किसी भी बालक-बालिका के साथ कोई गलत व्यवहार करता है, गलत कार्य करने की कोशिश करता है, तो वह चाईल्ड लाइन नंबर 1098 और पुलिस थाना में 100 नंबर पर और प्राधिकरण में संपर्क कर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं, 


साथ ही साइबर क्राइम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से वर्तमान में आए दिन अनेक धोखाधड़ी के समाचार, समाचार पत्रों में प्रकाशित होते हैं. सोशल मीडिया के माध्यम से किसी व्यक्ति द्वारा पीड़ित के साथ दोस्त बनकर या अपने आप को बैंक का कर्मचारी बताकर बैंक से संबंधित आवश्यक जानकारी प्राप्त कर वन टाइम पासवर्ड का उपयोग कर खाते से रुपयों निकाल लिये जाते है.


व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी की जाती है, इस संबंध में किसी भी अनजान व्यक्ति को अपना पासवर्ड न दें.ओटीपी आदि की जानकारी किसी के साथ साझा ना की जाए. साथ ही बालकों को सोशियल साइट्स का उपयोग बहुत ही सावधानी पूर्वक करने एवं किसी भी प्रकार की निजी जानकारियां एवं फोटोग्रा्फस शेयर ना करें के लिए भी जागरूक किया गया.


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