Rajsamand, Nathdwara News: राजसमंद के नाथद्वारा में स्थित विश्व की सबसे उंची शिव प्रतिमा विश्वास स्वरूपम आमजन के लिए रविवार से खोल दी जाएगी. बता दें कि विश्वास स्वरूपम का विश्वार्पण गत माह के अंतिम सप्ताह में ही मोरारी बापू की रामकथा के माध्यम से किया गया था. परिसर में प्रवेश टिकट द्वारा ही अधिकृत होगा. विश्व की सबसे ऊंची 369 फीट की शिव प्रतिमा गणेश टेकरी स्थित तत पदम उपवन में स्थापित की गई है, बता दें कि नौ दिवसीय रामकथा में मोरारी बापू ने मानस विश्वास स्वरूपम के माध्यम से इसका लोकार्पण किया गया था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उस दौरान 9 दिवसीय लोकार्पण महोत्सव में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, योगगुरु बाबा रामदेव सहित देश-विदेश की धार्मिक, राजनितिक ओर सामाजिक क्षेत्र की कई दिग्गज हस्तियों ने शिरकत की थी. 


विश्वास स्वरूपम तत पदम उपवन की संचालन समिति ने प्रवेश के लिए टिकट निर्धारित किया है और रविवार से आमजन के लिए इसे खोल दिया जाएगा. आपको बता दें कि विश्वास स्वरूपम परिसर में एंट्री शुल्क लगभग 200 रुपए का रखा गया है, तो वहीं शिव प्रतिमा के ऊपर तक जाकर जलाभिषेक करने के लिए आमजन को प्रवेश शुल्क सहित 1350 रुपए शुल्क अदा करना होगा. इसके अलावा परिसर में मनोरंजन के अन्य साधन जैसे बंजी जंपिंग, जिप-वे और अन्य मनोरंजन के लिए अलग से शुल्क देकर उपयोग कर सकेंगे. शिव प्रतिमा के प्रबंधक हेड भास्कर जोशी ने बताया कि विश्व की सबसे ऊंची 369 फीट की शिव प्रतिमा गणेश टेकरी स्थित तत पदम उपवन में है.


 बता दें कि तत पदम संस्था के मुख्य मदन पालीवाल के निर्देश पर शिव प्रतिमा का प्रबंधन का कार्य उत्तराखंड निवासी के भास्कर जोशी देख रहे हैं. विश्वास स्वरूपम का विश्वार्पण गत माह मोरारी बापू की रामकथा के माध्यम से हुआ था. उस दौरान उन्होंने विश्वास और विश्वास के स्वरूप की व्याख्या को और गूढ़ता की ओर ले जाते हुए कहा था जिस प्रकार ब्रह्म एक है और उसको अपनी रुचि के अनुरूप कई तरह से देखा और समझा जाता है,


ठीक उसी प्रकार सत्य को भी देखने का नजरिया अलग-अलग हो सकता है. सभी को अपनी दृष्टि व नजरिए से सत्य को देखने की स्वतंत्रता है, क्योंकि यह तय है कि नजरिया भिन्न हो, सत्य तो वही रहेगा. 


उन्होंने कहा कि सत्य प्रत्येक युग, प्रत्येक देश, प्रत्येक व्यक्ति का वर्तमान है, युवा सत्य के पथ का अनुसरण करें, विश्वास के स्वरूप की विशालता-विराटता के दर्शन स्वतः हो जाएंगे. नाथद्वारा में विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम’ के विश्वार्पण के साथ शुरू हुई मानस विश्वास स्वरूपम रामकथा के दिन सीता स्वयंवर के प्रसंग को समझाते हुए कहा कि राम जैसा साथी प्राप्त होना सरल नहीं है.


बापू ने राम लक्ष्मण के जनकपुर नगर भ्रमण व उपवन भ्रमण के प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि परमात्मा का दर्शन करने के लिए बाग रूपी संत सभा में जाना ही चाहिए. सीता की सखी जैसा गुरु मिल जाएगा तो वह प्रभु राम से भी मिलवा देगा.


ये भी पढ़ें- पायलट-गहलोत विवाद में कूदे किरोड़ी लाल मीणा, बोले- बस मूंछ की लड़ाई है, ईगो में पिस रही जनता