5th day of Navratri, method of worship of Skandamata: शारदीय नवरात्रि पर्व का आज 5वां दिन है. बता दें कि आज के दिन स्कंदमाता की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. तो वहीं, मंदिरों में पूजा अर्चना करने आने वाले श्रद्धालु अपनी मनोकामना के लिए माता की विशेष पूजा अर्चना करते हैं, तो वहीं राजसमंद जिले में स्थित दोवड़ा माता मंदिर, धुंधलाज माता मंदिर, आवरा माता मंदिर सहित माता के सभी मंदिरों सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है.


स्कंदमाता की पूजा विधि 


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स्कंदमाता की पूजा करने से भक्तों को संतान सुख की प्राप्ती होती है,इस लिए जो भक्त संतान सुख की कामना कर रहे हैं, उन्हें स्कंदमाता की पूजा पर विशेष ध्यान देना चाहिए. विधि विधान से माता की पूजा करनी चाहिए. माता पार्वती और भगवना शिव को के पुत्र कार्तिकेय को स्कंदकुमार भी कहा जाता है. 


आपको बता दें कि माता के मंदिर में बने पांडाल में पूरे 9 दिनों तक गरबा का आयोजन किया जाता है.जिसमें छोटे-छोटे बच्चों के साथ साथ बड़े भी गरबा महोत्सव में भाग ले रहे हैं.


स्कंदमाता चार भुजाधारी कमल के पुष्प पर बैठती हैं


कांकरोली में स्थित पुरानी सब्जी मंदिर में बने ग्राउंड में लालन के सदस्यों द्वारा हर साल गरबा महोत्सव का आयोजन किया जाता है.जिसमें भारी तादाद में लोग पहुंच रहे हैं, और देवी मां के सामने गरबा खेलते हुए महोत्सव में भाग ले रहे हैं.बता दें कि स्कंदमाता नवदुर्गा का 5वां रूप माना जाता है. स्कंदमाता कार्तिकेय की माता होने के कारण इन्हें स्कन्दमाता कहते हैं स्कंदमाता चार भुजाधारी कमल के पुष्प पर बैठती हैं. इसलिए इनको पद्मासना देवी भी कहा जाता है.


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