राजसमंद में मौसमी बीमारी से बढ़े मरीज, अस्पताल में लगने लगी लंबी लाइन
मौसमी बीमारी ने प्रत्येक घर के किसी ना किसी सदस्य को जकड़ रखा है और आलम यह है कि प्राइवेट से लेकर सरकारी अस्पतालों में उल्टी, दस्त सहित अन्य बीमारी से ग्रस्त मरीज पहुंच रहे हैं.
Rajsamand: राजस्थान में मौसमी बीमारी का दौर चल रहा है. इस मौसमी बीमारी ने प्रत्येक घर के किसी ना किसी सदस्य को जकड़ रखा है और आलम यह है कि प्राइवेट से लेकर सरकारी अस्पतालों में उल्टी, दस्त सहित अन्य बीमारी से ग्रस्त मरीज पहुंच रहे हैं. आपको बता दें कि मौसमी बीमारी की मार राजसमंद जिले में पड़ रही है और इसी के चलते राजसमंद के सरकारी हॉस्पिटल आरके में प्रतिदिन 1100 से 1200 से मरीज उपचार के लिए आ रहे हैं.
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ऐसे में सबसे खास बात यह है कि काफी समय से यह सरकारी हॉस्पिटल अपने चिकित्सकों की कमी की बीमारी से जूझ रहा है, जिसका आज तक उपचार नहीं हुआ है और अब हॉस्पिटल में प्रतिदिन मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. राजसमंद जिले का यह सरकारी आरके हॉस्पिटल 150 बैड की क्षमता रखता है. चिकित्सकों की कमी होने के बाद भी अस्पताल मरीजों के उपचार में कोई कमी आने दे रहा है.
बता दें कि जिस डिपार्टमेंट में 2 से 3 चिकित्सक होने चाहिए वहां अभी मौजूदा समय में एक ही चिकित्सक हैं. इससे मौजूदा एक चिकित्सक पर कार्य का बेहद ज्यादा भार आ जाता है. इसका उदाहरण वीडिया में साफ देखा जा सकता है कि सामान्य बीमारी की जांच के लिए मरीजों की चिकित्सक के पास किस तरह की भीड़ लगी हुई है.
जब जी मीडिया की टीम ने हॉस्पिटल के अंदर विजिट की तो वहां देखा की एक चिकित्सक को मरीज पूरी तरह से घेरे हुए खड़े हुए थे और अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे तो वहां पर मौजूद चिकित्सक भी पसीना पौछते हुए अपनी ड्यूटी पूरी करते हुए सभी मरीजों को देखने में लगे हुए थे.
ऐसे में कवरेज करने के दौरान जी मीडिया को देखते हुए एक मरीज से रहा नहीं गया और उन्होंने कैमरे के सामने अपनी पीड़ा बयां करते हुए कहा कि चिकित्सक की कमी के चलते लोग परेशान होते हैं. यहां पर उपचार कराने के लिए कोई 20 किलोमीटर दूरी से आता है तो कोई 70 किलोमीटर दूरी से आता है. ऐसे में चिकित्सक की कमी खलती है.
मरीज ने बताया कि यहां पर मैं पेट के उपचार के लिए आया था और नंबर आने में एक से डेढ़ घंटा लग गया. मरीज ने बताया कि यहां पर डॉक्टरों की कमी है. उन्होंने बताया हॉस्पिटल में नेत्र चिकित्सक भी नहीं जहां पर किसी चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को गेट पर बैठा रखा है और वहां से कहा जा रहा है कि नाथद्वारा जाकर चेकअप करवाओ, ऐसे में मरीज ने बताया कि आंखों के डॉक्टर की जिला मुख्यालय पर बहुत जरूरी होता है. हॉस्पिटल में डॉक्टर कम होने से ऐसी गर्मी में मरीज परेशान हो रहे हैं.
वहीं इस पूरे मामले पर जी मीडिया ने हॉस्पिटल के पीएमओ ललित पुरोहित से बात की तो उन्होंने बताया कि वर्कलॉड बढ़ गया है, इसके चलते चिकित्सकों की कमी महसूस होती है, जहां पर दो से तीन चिकित्सक होने चाहिए थे वहां पर अभी एक चिकित्सक से काम चला रहे हैं, जिसके चलते समय लग जाता है.
अभी हॉस्पिटल में स्कीन, साइक्रिटिक, ट्रोमा, मेडिकल ज्यूरिस्ट सहित अन्य में एक-एक ही चिकित्सक है. पीएमओ पुरोहित ने बताया कि चिकित्सकों की कमी के लिए समय-समय पर मुख्यालय को लिखित और मौखिक तौर पर अवगत कराया जा चुका है. अभी मौसमी बीमारी का दौर चल रहा है, जिसके चलते हॉस्पिटल में प्रतिदिन 1100 से 1200 से ज्यादा मरीज उपचार के लिए आते हैं.
Reporter: Devendra Sharma