Rajsamand News: जिले में खुले नए साइबर थाना पुलिस ने अपने पहले प्रकरण में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. कार्रवाई के दौरान टीम ने फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश करते हुए गिरोह के कुल 8 सदस्यों को धरदबोचा है. जो कि मध्यप्रदेश के देवास जिले से संचालित होता था. यह गिरोह ई मित्र संचालक से ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर धोखाधड़ी करते थे. पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि इस गिरोह ने भारत में अब तक करीब 1 करोड़ रूपए से ज्यादा की ठगी कर चुका है. आपको बता दें कि राजसमंद डिप्टी बेनी प्रसाद मीणा को साइबर थाने का इंचार्ज बनाया हुआ उनके निर्देशन में थानाधिकारी रमेश कविया की टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है. तो वहीं इस कार्रवाई को लेकर राजसमंद पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ( Sudhir joshi ips) ने बताया कि पीड़ित ने मनीष कुमार ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि कुछ महीने पहले मेरे मोबाईल पर एक कॉल आया था. जिसमें एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा उसे बताया गया कि आप करेंसी मार्केट में ऑनलाइन ट्रेडिंग करो इसमें अच्छा मुनाफा मिलता है.


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इस पर प्रार्थी ने ठगों के द्वारा प्रार्थी के वाट्सएप्प पर भेजे गये लिंक व लॉग इन आईडी पासवर्ड से उस वेबसाईट का खोलता है जिसमें पीड़ित के द्वारा इन्वेस्ट कि गई राशि को दर्शाया जाता है. इस प्रकार ठगों द्वारा प्रार्थी से लोट साइज में किया गया इन्वेस्ट व ठगों द्वारा स्वयं के द्वारा शो करवाई गई राशि व जीएसटी के नाम पर कुल दो लाख दस हजार रूपये की ठगी कर लेते हैं. इस पर साइबर पुलिस थाना राजसमन्द पर धोखाधड़ी व आईटी एक्ट की धाराओं में प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान वृताधिकारी राजसमन्द/थानाधिकारी साइबर पुलिस थाना बेनी प्रसाद मीणा द्वारा प्रारम्भ किया गया और इस गिरोह का पर्दाफाश करते हुए इन्हें गिरफ्तार किया गया है.


राजसमंद एसपी जोशी ने बताया कि गिरोह का मास्टर माईन्ड लक्की जायसवाल अपने कॉल सेन्टर में काम करने के लिये अपने गांव के आस-पास के बेरोजगार युवकों की तलाश करता है और काम पर लगाने के नाम अपने कॉल सेन्टर में शामिल करता है. लक्की जायसवाल ऑनलाईन एक आई फोरेक्स ट्रेड नाम की फर्जी डेमो वेब साईट तैयार करता है जिसमें फोरेक्स ट्रेडिंग की मार्केटिंग उतार चढाव को दर्शाता है जो स्वयं लक्की जायसवाल द्वारा कन्ट्रोल की जाती है कब कितना परोफिट शो करना है व कितना नुकसान शो करना है जो स्वयं करता है. लक्की जायसवाल अपने अन्य साथीयों के जरिये कॉलिंग के लिये लोगों के नाम, मोबाईल नम्बर व ई मैल आईडी का डाटा प्राप्त करता है. फिर वह डाटा इन सभी को अलग-अलग दे देता है. इन सभी सदस्यों को उन अज्ञात लोगों से किस प्रकार बात करनी है, उन्हें फोरेक्स में पैसा इन्वेस्ट करने के लिये किया बोलना है प्रिन्ट करके लिस्ट उपलब्ध करा देता है.


उसके बाद सभी सदस्यों द्वारा डाटा में उपलब्ध लोगों को कॉल करते है. ऐसे में कोई व्यक्ति फोरेक्स में पैसा लगाने के लिये इच्छुक हो जाता है तो ये सदस्य उस व्यक्ति की लक्की जायसवाल से बात करवाते हैं. जिसको थोड़ी अंग्रेजी व हिन्दी कुछ ऐसे शब्द बोलता है जिससे सामने वाले को लगता है कि यह वास्तव में बड़ा कारोबार है. जैसे ही अगला व्यक्ति फोरेक्स में पैसा लगाने के लिये तैयार हो जाता है तो उनका पैसा फोरेक्स डेमो वैबसाईट से लिंक बैंक खाते में पैसा जमा करवाता है उसे तुरन्त ही एटीएम के माध्यम से विड्राल कर लेता है और प्रार्थी के द्वारा जमा कराये गये पैसो को परोफिट बुक होने के नाम पर बढ़ाकर उस डेमों वैबसाईट मे शो करवा देता है, जिससे ठगी का शिकार होने वाले व्यक्ति को इन पर और अधिक विश्वास हो जाता है कि वास्तव में इस काम में अच्छा पैसा मिलता है. 


ऐसे में ठगी का शिकार होने वाला व्यक्ति उस पैसे को निकालने के लिये कहता है तो वह उससे बड़े लॉट साईज में पैसा इन्वेस्ट के लिये कहता है, जिस पर ठगी का शिकार होने वाला अपने पास पैसा नहीं होने की बात करता है तो ये लोग कहते है कि कोई बात नहीं आपके पास पैसा नहीं है तो इसमें मैं आपके आईडी पर लोन कर देता हूं. जिस पर ये व्यक्ति डेमो वैबसाईट पर ठगी का शिकार होने वाले व्यक्ति की आईडी पर मोटी रकम को शो करवा देता है. ऐसे में प्रार्थी को लालच आ जाता है कि ये पैसा विड्राल कर लेता हूं. तो इन लोगो द्वारा ठगी का शिकार होने वाले व्यक्ति को कहां जाता है कि ये पैसा आप तभी निकाल सकते हो जब आप हमारे द्वारा आपकी आईडी में लगाया गया पैसा जो एक मोटी रकम होती है. जिसे आप जमा करवा दो तभी आप पैसा विड्राल कर सकते हो ऐसे ठगी का शिकार होने वाला व्यक्ति बड़ी रकम प्राप्त करने के लिये ठगों के द्वारा आईडी पर लगाया गया पैसा जो एक मोटी रकम होती है. उसे वह जमा करवा देता है. 


उसके बाद भी ठगी का शिकार हुआ व्यक्ति का पैसा नहीं निकाल पाता है तो इन ठगों द्वारा कहां जाता है कि आपके ये फायदा प्राप्त कर पैसा निकालना है तो आपको इस पर जो भारत सरकार की ओर से जीएसटी की दर है जो करीब आपके जमा राशि का 30 प्रतिशत है उसे जमा करवाना होगा तभी ये पैसा आपके खातें में जमा हो पाएगा. ये सरकार के नियम है ऐसे में हम आपको ये पैसा नहीं दे सकते है. तो ठगी का शिकार हुआ व्यक्ति जीएसटी की राशि जमा करवा देता है. उसके बाद इन ठगों द्वारा उसके कॉल एटेण्ड करना बंद कर देते है और उपयोग में लिये गये सिम कार्ड को बंद कर देते है. ऐसे में ये लोग हर व्यक्ति से करीब ढाई से तीन लाख रूपये तक की ठगी कर लेते हैं. अगर कोई व्यक्ति इनके अंतिम लक्ष्य तक पहुंच जाता है तो उन लोगों के साथ करीब पांच से दस लाख रूपये तक की ठगी कर लेते हैं.