राजसमंद जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने जिला कारागृह का किया औचक निरीक्षण
निरीक्षण के दौरान कारागृह में कोई भी बंदी 18 साल से कम उम्र का निरूद्ध नहीं मिला. निरीक्षण के दौरान बंदियों द्वारा सांयकालीन भोजन तैयार किया जा रहा था जिसकी गुणवता की स्वयं जिला न्यायाधीश सुरोलिया द्वारा जांच की गयी.
Rajsamand: राजसमंद जिला एवं सेशन न्यायाधीश अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमंद, आलोक सुरोलिया ने राजसमंद जिला कारागृह का मासिक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान क्षमता से 4 गुना अधिक बंदी होने पर जिला न्यायाधीश आलोक सुरोलिया ने गहरी चिंता जताई है. इस दौरान जेलर राजूराम विश्नोई भी मौजूद रहे.
इस बारे में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव मनीष कुमार वैष्णव ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष व न्यायाधीश आलोक सुरालिया द्वारा जिला कारागृह निरीक्षण के दौरान कारागृह में क्षमता से लगभग 04 गुना अधिक कुल 216 बंदी निरुद्ध मिले. इस पर जिला न्यायाधीश ने गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कारागृह प्रशासन को निर्देश दिये कि कारागृह में ऐसा कोई भी बंदी निरूद्ध नहीं रहे जिसके पैरवी हेतु अधिवक्ता नहीं हो प्रत्येक बंदी को पैरवी का अधिकार प्राप्त हो.
उन्होंने नवीन प्रवेशित बंदियों से संवाद भी किया तथा सभी बंदियों ने अधिवक्ता नियुक्त होना बताया. तो वहीं निरीक्षण के दौरान कारागृह में कोई भी बंदी 18 साल से कम उम्र का निरूद्ध नहीं मिला. निरीक्षण के दौरान बंदियों द्वारा सांयकालीन भोजन तैयार किया जा रहा था जिसकी गुणवता की स्वयं जिला न्यायाधीश सुरोलिया द्वारा जांच की गयी.
उन्होंने जेल बंदियों की अधिक संख्या के मध्यनजर रसोई में संसाधन बढ़ाने के निर्देश दिये. कारागृह में सीवरेज लाइन नहीं है परन्तु उनके चैम्बर बनाए गए हैं. जिला न्यायाधीश ने कारागृह की साफ-सफाई, बंदियों के स्वास्थ्य, चिकित्सा सुविधा, भोजन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, पर्यावरण, विधिक सहायता, शिकायतों, पेरोल, संप्रेषण, पुस्तकालय, शिक्षा, कपड़ों, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, सीसीटीवी कैमरा, स्वीकृत पदों इत्यादि विषयों पर जानकारी प्राप्त की.
बंदियों के मनोरंजन हेतु बैरक में टेलीविजन लगी हुई है तथा सुरक्षा के लिये लगाए गए 16 सीसीटीवी कैमरों मे से 13 क्रियाशील अवस्था में हैं. खराब कैमरों को दुरस्त करवाने के निर्देश दिये. तो वहीं जिला न्यायाधीश आलोक सुरोलिया ने बंदियों से वार्ता कर उनसे भोजन, पानी एवं अन्य व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की.
बंदियों को विभिन्न कानूनों की जानकारी भी प्रदान की गई. कारागृह में उपलब्ध नवीन वीसी सेटअप को काम में लिया जा रहा है. बंदियों को निशुल्क विधिक सहायता, पीड़ित प्रतिकर, राष्ट्रीय लोक अदालत, नालसा योजनाओं, अनुसूचित जाति-जनजाति के कल्याण एवं उनके संरक्षण हेतु अधिनियम, छुआछुत, बाल विवाह, नशा इत्यादि कुरीतियों के सबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई.
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