Rajsamand News: राजस्थान के राजसमंद शहर में लोगों को स्वच्छ व शुद्ध पानी पीने को मिले इसके लिए एक बार फिर से पसूंद सरपंच अयन जोशी ने आवाज उठाई है. बता दें कि वर्ष 2020 से सरपंच जोशी लगातार अपनी आवाज उठा रहे हैं. कुछ तथाकथित प्रभावशाली रसूखदार लोगों की वजह से जिला प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिसके चलते इन प्रभावशाली लोगों के हौसले बुलंद है. 


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आपको बता दें कि यह पूरा मामला पसूंद के पास गोमती नदी के किनारे ऐतिहासिक झील के रूण पेटा स्थित कृषि भूमि पर अवैध डंपिंग के निर्माण से जुड़ा है. बता दें कि अभी मौके पर अवैध अपष्टि यानि स्लरी मार्बल का वेस्टेज डाला जा रहा है. वहीं पिछले साल की बात की जाए, तो उस वक्त भारी मात्रा में वेस्टेज डाला गया था. 



जो कि बारिश के पानी में बहकर राजसमंद झील में मिल गया है. जिसके कारण पानी व वातावरण प्रदूषित हो रहा है. सबसे खास बात यह है कि राजसमंद शहर के लोग इसी राजसमंद झील का पानी पीते हैं. जानकारी के अनुसार अगस्त 2024 में राजसमंद सीईओ द्वारा एक पत्र जारी किया गया था. 



जिसमें स्पष्ट रूप से उद्योग, माइनिंग, प्रदूषण एवं राजस्व विभाग को आदेश है कि आरक्षित भूमि के अलावा जहां भी अवैध स्लरी डाली जा रही है. उन्हें तुरंत प्रभाव से रोका जाए और विभागीय कार्रवाई की जाए, लेकिन अभी तक इस पत्र को किसी ने भी गंभीरता से नहीं लिया. 



ज़ी मीडिया को सरपंच अयन जोशी ने अपनी व ग्रामवासियों की पीड़ा बताते हुए कहा कि मैं जिला प्रशासन से मांग करता हूं कि रूण पेटा स्थित कृषि भूमि पर अवैध डंपिंग का निर्माण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. ताकि राजसमंद शहरवासियों को स्वच्छ पानी मिल सके. आरक्षित डंपिंग यार्ड पर मलबा नहीं डालकर कृषि, चारागाह सहित अन्य जमीन पर मार्बल का वेस्टेज यानि स्लरी डालने से सरकार को राजस्व का भी भारी नुकसान हो रहा है.