Rajsamand: राजसमंद के लोग पिछले 30 सालों से ब्रॉड गेज रेलवे लाइन की मांग कर रहें हैं. जानकारी के अनुसार कांकरोली में रेलवे स्टेशन बना हुआ है, जिसका अंग्रेजों द्वारा निर्माण करवाया गया था लेकिन आज यहां की स्थिति यह है कि स्टेशन पर घुमने फिरने वालों का कब्जा हैं साथ ही स्टेशन पर यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाओं का अभाव हैं. वहीं कांकरोली स्टेशन के पास एक पुल है जिसका निर्माण उस वक्त अंग्रेजों ने 52 कोटा यानि 52 खम्भें बनाकर करवाया था, जिसके उपर से आज भी 5 डिब्बों वाली ट्रेन सरपट दौड़ रही है, यह ट्रेन 09695 मारवाड़जंक्शन से मावली और 9696 मावली से मारवाड़जंक्शन तक चलती हैं. सबसे खास बात यह है कि इस स्टेशन का उस समय जो भी निर्माण हुआ था उतना ही निर्माण होकर रह गया है, और आज इसी वजह से यहां का मार्बल उद्योग ज्यादा गति नहीं पकड़ पा रहा है साथ यात्री भी ट्रेन की सुविधा से वंचित हैं. बताया जा जाता है कि लगभग 1990 में यहां पर ट्रेन के माध्यम से ही पेयजल संकट को दूर किया गया था और ट्रेन के जरिए ही बीसलपुर बांध से ट्रेन के माध्यम से पानी लाया गया था. 


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विधायक ​दीप्ति किरण माहेश्वरी ने कहा कि ब्रॉड गेज रेलवे लाइन की काफी लम्बे समय से मांग की जा रही हैं, इसके लिए लगातार प्रयास भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राजसमंद के हमारे पूर्व सांसद व वर्तमान सांसद दीया कुमारी ने इस विषय पर समय समय पर केंद्रीय रेल मंत्री को पत्र भी लिखे हैं, इतना ही नहीं मेरी ओर से भी केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा गया है, जिसका उनके द्वारा जवाबी पत्र भी आया है. यदि राजसमंद जिले में ब्रॉड गेज रेलवे लाइन का कार्य प्रारंभ होता है तो इससे जिले में स्थित कई प्रसिद्ध मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ साथ स्थानीय लोगों को भी काफी फायदा होगा. इतना ही नहीं इससे मार्बल व्यावसायीयों को भी सुविधा मिलेगी, आज के समय में बाई रोड मार्बल को ट्रांसपोर्ट किया जाता है, जिससे मार्बल व्यापारीयों को किराया महंगा पड़ता हैं यदि यह ब्रॉड गेज रेलवे लाइन बनती है तो इससे मार्बल व्यवसाय में चारचांद लग जाएंगे.


 


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रेलवे लाइन नहीं होने से श्रद्धालु और मार्बल व्यवसायी परेशान 


मार्बल ट्रेड्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद सनाढ्य बताते हैं कि लम्बे समय से ब्रॉड गेज रेलवे लाइन की मांग चल रही हैं, इसमें तत्कालीन कांग्रेस व भाजपा के सांसदों ने आवाज उठाई थी, लेकिन आज तक कोई सफलता नहीं मिली हैं. उन्होंने बताया कि राजसमंद जिले में ज्यादा श्रद्धालु द्वारकाधीश मंदिर, श्रीनाथ मंदिर और चारभुजा मंदिर में आते हैं लेकिन ट्रेन की मूलभूत सुविधा नहीं होने से पर्यटकों को काफी परेशानीयों का सामना करना पड़ता हैं. रेलवे लाइन के विषय पर कांकरोली के स्थानीय निवासी नंदलाल पालीवाल ने बताया कि मेरा बचपन यहां पर ही बीता है, पिछले 30 सालों से राजसमंद जिले के लोग ब्रॉड गेज रेलवे लाइन की मांग कर रहें हैं. यहां की लगभग 80 प्रतिशत जनता ने रेल का सफर नहीं किया हैं, मूलभूत सुविधा नहीं होने से उन्हें रेल में बैठने का अनुभव नहीं हैं. पालीवाल बताते हैं कि हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा मार्बल का उत्पादन राजसमंद में होता हैं, कंटेनर की सुविधा नहीं होने से यहां की मार्बल मंडी पिछड़ रही हैं. गुजरात और राजस्थान बॉर्डर को सेना से जोड़ने वाला सबसे बड़ा जरिया भी किसी जमाने में छोटी लाइन से जुड़ा हुआ था, आज स्थिति यह है कि यह एक सिंगल लाइन बन कर रह गई है. वर्तमान ​समय में ब्रॉड गेज रेलवे लाइन सेना, स्थानीय लोग और मार्बल व्यवसाय के लिए बहुत जरूरी हैं. राजसमंद से बहुत अधिक तादाद में कोलकाता में मार्बल जाता हैं यदि यही मार्बल ट्रेन से जाएगा तो काफी सस्ता हो जाएगा.


Reporter - Devendra Sharma


 

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