Rajsamand : राजस्थान में पिछले महीनों में लंपी रोग के कारण बहुत सारी गोमाता ने अपने प्राण त्याग दिए हैं. इस विकट परस्थिति में राजसमंद के नाथद्वारा में स्थित मोलेला गांव के युवाओं ने गोमाता को इस रोग से बचाने के लिए गांव मे विचरण करने वाली समस्त गोमाता को रात दिन एक करके एक अल्पकालीन गोशाला बनकार क्वारंटाइन किया. जिसका डॉक्टर की टीम द्वारा विधिवत एक महीने से उपचार चल रहा है.


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बता दें कि हर रोज लंपी ग्रस्त गौमाता को ठीक करने के लिए उनके घाव पर दवाई लगाई जाती है. मोलेला के सभी युवा गोभक्त लगातार खुद से गायो को पानी चारा हरी घास, रोटी व रात को उनके लिए लापसी जिसमे गुड़ तेल दलिया खल सभी मिलाकर पका कर खिला रहे है. इस विकट परिस्थिति में सभी ग्रामवासियों ग्राम पंचायत ओर आसपास के सेवाभावी लोगों ने तन मन धन से सहयोग किया.


वहीं गांव के तरुण जैन ने बताया कि गांव मे जब 5 गोमाता ने अपने प्राण लंपी रोग के कारण त्याग दिए तो हमने सोचा क्यों न सबको आयुर्वेदिक दवाई खिलाई जाए उसके लिए कुछ राशि एकत्रित करने के लिए सोसल मीडिया पर केम्पेएन चलाया जिससे उमीद से ज्यादा सहयोग मिला. , फलस्वरूप 173 गोमाता को एक जगह एकत्रित किया और सफ़लता पूर्वक इलाज किया.


मौजूदा वक्त में एक महीने से ज्यादा समय हो गया है अब मात्र 35 गोमाता गोशाला मैं शेष बची है जिनका उपचार चल रहा है जल्द ही स्वस्थ होने पर उनको भी कुछ दिनों मैं छोड़ दिया जाएगा. साथ ही बताया कि सभी के सहयोग से जो राशि प्राप्त हुई उस से 700 किलो आयुर्ववेदिक दवाई मंगवाई गई जिसमें जीवदया समिति भुताला द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान प्राप्त हुआ. ,दवाई को 300 ग्राम के पैकेट के रूप मे पैक किया गया और आसपास के गाँवो मैं ओर घर घर भी वितरण की गई. गोसेवा के लिए बहुत से भामाशाह ने अपना योगदान दिया जिसमें खाखला चारा इत्यादि शामिल है. तो वही डॉक्टर की टीम में डॉ. कुलदीप कौशिक, बाबूलाल, मुकेश प्रजापत का बहुत ही सराहनीय सहयोग रहा. 


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