सवाई माधोपुर में पांच बांध पूरी तरह लबालब, चार में पानी ओवरफ्लो, अभी-भी आवक जारी
सवाई माधोपुर में औसत से अधिक हुई. बरसात का असर अब देखने को मिल रहा है, जिले में छोटे पोखर, तालाबों से लेकर बड़े-बड़े बांधों में भी पानी की आवक लगातार जारी है.
सवाई माधोपुर: जिले में औसत से अधिक हुई. बरसात का असर अब देखने को मिल रहा है, जिले में छोटे पोखर, तालाबों से लेकर बड़े-बड़े बांधों में भी पानी की आवक लगातार जारी है. जल संसाधन विभाग की ओर से जिले में सभी 18 बांधों की मॉनिटरिंग की जा रही है. विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस बार औसत से अधिक बरसात होने के चलते सभी बांधों में लगातार पानी आ रहा है. अब तक जिले के कुल 18 में से 5 बांध पूरी तरह से लबालब हो चुके हैं. ढील बांध , देवपुरा बांध, मानसरोवर बांध, गिलाई सागर बांध, एवं पांचोलस बांध पूरी तरह भर चुके हैं.
गिलाई सागर बांध, ढील बांध पांचोलास बांध, देवपुरा बांध में अभी भी चादर चल रही है. जबकि अन्य बांधों में 75% से अधिक पानी का स्टोरेज हो चुका है, इतना ही नहीं अभी भी लगातार बांधों में पानी की आवक जारी है.
ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि मानसून के विदा होते-होते जिले के लगभग सभी बांधों में पानी पर्याप्त मात्रा में स्टोर हो जाएगा. जल और संसाधन विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सुरेश चंद भोपारिया ने बताया कि जिले में कुल 18 बांध हैं. उनमें से 4908 मीट्रिक घन फिट स्टोरेज क्षमता है, प्रजेंट में 5 बांध पूरी तरह से पानी से लबालब हो चुके हैं. जबकि चार बांधों पर अभी भी चादर चल रही है, जिले का सबसे बड़ा बांध सूरवाल अपनी भराव क्षमता का लगभग 80% पानी स्टोरेज किया जा चुका है.
सूरवाल बांध में अभी 11 फीट 4 इंच के लगभग पानी की आवक हो चुकी है, पानी की आवक निरंतर जारी भी है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में अगर इसी तरह बरसात होती रही, तो जिले का सबसे बड़ा बांध सूरवाल छलकने को तैयार हो जाएगा. सिंचाई विभाग के अधिकारियों की माने तो बांधों के भर जाने से क्षेत्र में कृषि के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा.
वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में मवेशियों के लिए पेयजल की भी कोई किल्लत नहीं रहेगी. जल संसाधन एवं सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता के अनुसार जिले में लगभग 60 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई इन बांधों में भरे पानी से की जाती. ऐसे में आने वाली फसल के लिए यह बांध वरदान साबित होंगे बांधों के भर जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में खुशी की झलक साफ दिखाई दे रही है, ग्रामीणों की माने तो कृषि कार्य के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी मिलने के साथ-साथ उनके मवेशियों के लिए भी पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो जाएगा.
Reporter- Arvind Singh
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