Gangapur: सवाई माधोपुर जिले के वजीरपुर उपखंड सहित आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में पसीना बहाने के बाद खड़ी हुई बाजरे की फसल पर फड़का कीट का प्रकोप बहुत तेजी से बढ़ रहा है, जिसके चलते किसानों के खेतों में खड़ी बाजरे की फसल पर संकट मंडरा रहा है. मीना बड़ौदा निबासी किसान मुनेश मीना, संजय शर्मा, अमृत लाल मीना, गजेंद् मीना आदि ने बताया कि यह फड़का कीट एक छोटा सा कीड़ा है.


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यह कीड़ा देखने में टिड्डी की तरह लगता है. क्षेत्र के मीना बड़ौदा, बडौली, खेडला, कुसाय, रायपुर, मैडी, खंडीप, फुलवाड़ा, सेबा, श्यारौली, पिलौदा, सहित आदि गांवों के किसानों के खेतों में यह कीड़ा दिखाई दे रहा है. इस कीड़े ने किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है. टिड्डीनुमा यह कीड़ा जिसे फड़का कहा जाता है, इससे बाजरे की फसल रोगग्रस्त हो रही है. कई जगहों पर फसल खराब होने की कगार पर पहुंच गई है. कई खेतों में यह कीट बाजरे की छोटी फसल को पूरी तरह नष्ट कर चुका है. कई स्थानों पर कीटनाशन का छिड़काव करना भी इस कीट के प्रकोप पर बेअसर साबित हो रहा है, इससे किसान काफी परेशान हैं और फसल खराब होने से होने वाले नुकसान से उनकी चिंता बढ़ रही है. कई स्थानों पर एक पौधे पर दर्जनों फड़का कीट लगे हुए हैं, जो बाजरे के पौधे की सारी पत्तियां खा जाते हैं.


पत्तियों को कर जाता है चट
कुछ समय में पौधों की पत्तियां खा जाने से सिर्फ तना बच जाता है, ऐसे में बाजरे के खेत में पौधों का विकास ही नहीं हो रहा है, जिससे बाजरे की फसल मे सिट्टे ही नहीं बन रहे हैं. सिट्टे से ही बाजरा निकलता है, लेकिन अगर सिट्टा ही नहीं बनेगा तो फिर पौधे से बाजरा ही नहीं उत्पादित होगा. ऐसे में यह कीड़ा एक तरह से बाजरे के उत्पादन को ही नष्ट कर रहा है. क्षेत्र के किसानों ने बताया कि खेत में बाजरे की खड़ी फसल को फड़का कीट चट करने में लगा है और सैकड़ों बीघा में फसल खराब हो गई है.


ग्राम सेवा सहकारी समिति पर फड़का को नष्ट करने के लिए कीटनाशक भी उपलब्ध नहीं है। काश्तकारों कहना है कि इस क्षेत्र में फडक़ा कीट का प्रकोप पिछले सालों में कम होने की बजाय बढ़ रहा है. किसानों का कहना है कि कृषि विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी गई, लेकिन सिर्फ खेतों का दौरा करके और फोटोग्राफ लेकर इसकी इतिश्री कर ली जाती है.


Reporter: Arvind Singh


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