Sawaimadhopur News: जिले के चर्चित सीआई फूल मोहम्मद हत्याकाण्ड मामले में आज जिला एंव सैशन न्यायालय द्वारा अहम फैसला आया है. राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले के चर्चित फूल मोहम्मद हत्याकांड में कोर्ट का अहम फैसला आया है. 17 मार्च 2011 को जिले के मानटाउन थाने के सीआई फूल मोहम्मद को भीड़ ने जिंदा जला दिया था जिसमें 13 साल बाद एसीजेएम कोर्ट ने तत्कालीन डीएसपी महेन्द्र सिंह समेत 30 को दोषी करार दिया है. वहीं कोर्ट ने 49 लोगों को बरी कर दिया है. इन सभी दोषियों को कोर्ट शुक्रवार को सजा सुनाएगा. बता दें कि मानटाउन थाना क्षेत्र में मार्च 2011 में पुलिस इंस्पेक्टर फूल मोहम्मद को सूरवाल गांव में उनकी जीप में भीड़ ने जिंदा जला दिया था.


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तत्कालीन डीएसपी महेन्द्र सिंह समेत 30 को दोषी करार
वहीं इस मामले की जांच तत्कालीन गहलोत सरकार ने सीबीआई को सौंपी थी जहां दो बाल अपचारी सहित 89 लोगों के खिलाफ जांच एजेंसी सीबीआई ने चालान पेश किया था . इस मामले में करीब 13 साल के न्यायिक ट्रायल के दौरान पांच आरोपियों की मौत हो चुकी है. ऐसे में अब न्यायालय ने तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक महेन्द्र सिंह कालबेलिया और मानटाउन थाने के तत्कालीन सब इंस्पेक्टर सुमेर सिंह समेत 30 लोगों के खिलाफ फैसला सुनाया है.


बता दें कि इस घटना के बाद तत्कालीन राजस्थान सरकार ने सीआई फूल मोहम्मद को शहीद का दर्जा दिया था. वहीं सीआई के हत्याकांड मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीबीआई जांच करवाने के आदेश दिए थे. सीबीआई जांच में ही मामले में 89 लोगों को आरोपी बनाया जिनमें से 3 आरोपी अब भी फरार है.


 सूरवाल गांव में 17 मार्च 2011 की घटना के बाद पुलिस जवानों पर किया था पथराव
दरसल सवाई माधोपुर के मानटाउन थाना क्षेत्र के सूरवाल गांव में 17 मार्च 2011 को लोग मृतका दाखा देवी के हत्यारों को गिरफ्तार करने और पीड़ित के परिजनों को मुआवजे की मांग कर रहे थे. इसी दौरान राजेश मीणा और बनवारी लाल मीना नामक युवक बोतलों में पेट्रोल लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गए और आत्महत्या की धमकी देने लगे. बनवारी को लोगों ने समझाईश कर नीचे उतार लिया, लेकिन राजेश मीना पेट्रोल से खुद को आग लगाकर टंकी से नीचे कूद गया.


भीड़ ने जीप को पेट्रोल छिड़क कर आग के हवाले कर दिया था
घटना से गुस्साए लोगों ने सुरक्षा की दृष्टि से सूरवाल गांव में तैनात मानटाउन थाने के सीआई फूल मोहम्मद और पुलिस जवानों पर पथराव कर दिया. जान बचाने के प्रयास में फूल मोहम्मद जीप चलाकर भागने लगे तो भीड़ ने उन पर पथराव कर दिया. जीप में मौजूद पुलिसकर्मी जैसे-जैसे वहां से भाग गए. पत्थर लगने से फूल मोहम्मद जीप में घायल हो गए. बाद में भीड़ ने जीप को पेट्रोल छिडकर आग के हवाले कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई.


मानटाउन थाने के थाना प्रभारी के रूप में काम करने वाले फूल मोहम्मद की वर्ष 2011 में सूरवाल गांव में हत्या कर दी गई थी. वहां राजेश मीना नाम के युवक द्वारा पानी की टंकी पर चढ़ने के बाद अपने उपर पेट्रोल डाल कर आग लगाने के साथ ही नीचे छलांग लगाने से उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई थी. उस समय मौके पर पुलिस अधिकारी के रूप में तत्कालीन डीएसपी महेंद्र सिंह कालबेलिया मौजूद थे और पूरी कार्रवाई उनकी निगरानी में ही हो रही थी. जब सीआई फूल मोहम्मद पुलिस जीप में फंस गए थे, तभी उनकी गाड़ी में आग लगा कर जिंदा जला दिया गया.


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इस घटना की पूरी जिम्मेदारी कालबेलिया पर आई. जांच के दौरान भी सीबीआई ने महेंद्र सिंह को उक्त हत्याकांड के लिए दोषी माना था. सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार उक्त हत्याकांड में पूर्व डीएसपी कालबेलिया का जुर्म साबित करने में मानटाउन थाने का हिस्ट्री शीटर बदमाश संजय बिहारी सबसे अहम गवाह था. संजय के बयान न्यायालय में न्यायाधीश के समक्ष होने से पहले ही उसकी जयपुर में हत्या हो गई.


सुमेर सिंह सहित 79 लोगों के खिलाफ अपना महत्वपूर्ण फैसला देगा
जिले के चर्चित मानटाउन थाने के सीआई फूल मोहम्मद हत्याकाण्ड प्रकरण में न्यायालय द्वारा फैसला सुनाया जाएगा. न्यायालय द्वारा 79 आरोपियों के खिलाफ अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया जाएगा. इन आरोपियों में तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक महेन्द्र सिंह कालबेलिया और मानटाउन थाने के सब इंस्पेक्टर सुमेर सिंह भी शामिल हैं. लगभग 11 साल की लम्बी ट्रॉयल के बाद मामले में न्यायालय द्वारा अहम फैसला सुनाया जाएगा. न्यायालय के इस फैसले पर सबकी निगाह है. अब देखना होगा कि फूल मोहम्मद हत्याकाण्ड प्रकरण में न्यायालय किसे दोषी ठहराते हुए सजा सुनाता है और किसे रिहा करता है.


न्यायालय द्वारा फैसला सुनाये जाने को लेकर सुरक्षा की दृष्टि से न्यायालय परिसर में पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में भारी पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है , न्यायालय दोपहर बाद तक फैसला सुना सकता है.