Ranthambore News: सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर राष्ट्रीय अभ्यारण के संरक्षित वन ( क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट ) क्षेत्र में धड़ल्ले से हो रहे अवैध होटल ,फार्म हाउस एवं गेस्ट हाउस निर्माण को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय में जनहित याचिका लगाई गई. 


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जिस पर सुनवाई करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय ने सख्त आदेश जारी किया है. न्यायालय के आदेश के मुताबिक रणथंभौर के संरक्षित क्षेत्र में हुए अवैध निर्माणों पर यथास्थिति बनाये रखने ,नए निर्माणों पर रोक लगाने ,पुलिस प्रशासन को वन विभाग का सहियोग करने ,अवैध निर्माण और अतिक्रमण गतिविधियों पर निष्पक्ष एवं त्वरित कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं.



न्यायालय ने सुनवाई के दौरान माना कि रणथंभौर के संरक्षित वन क्षेत्र में अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण हो रहा है. जिस पर वन विभाग द्वारा उचित कार्रवाई नहीं की जा रही है. सुनवाई के दौरान न्यायालय ने VC (वीडियो कॉन्फ्रेंस) के माध्यम से जिला कलेक्टर , रणथंभौर के CIF ,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं SDM का भी पक्ष जाना.



VC से जुड़े सवाई माधोपुर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर जगदीश आर्य के सुनवाई के दौरान निजी कार्य में व्यस्त रहने को न्यायालय ने गंभीरता से लिया. साथ ही मुख्य सचिव से कहा कि VC के माध्यम से या कोर्ट रूम में हाजिरी के संबंध में अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किया जाए.



न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक से कहा कि वह अपनी देखरेख में रणथंभौर के संरक्षित वन क्षेत्र में अवैध निर्माण रोकने के लिए कार्रवाई के दौरान वन विभाग को पुलिस को सहयोग दिलाए. मामले में अब 17 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश समीर जैन ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है.



रणथंभौर के वन क्षेत्र में अवैध रूप से होटल निर्माण के खिलाफ लगाई थी याचिका



याचिका में लिखा गया,'' रणथंभौर के संरक्षित वन क्षेत्र में अवैध रूप से होटल निर्माण ,फार्म हाउस निर्माण और गेस्ट हाउस निर्माण सहित अनेक अवैध निर्माण कार्य चल रहे हैं. स्थानीय विधायक की शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.''



न्यायालय ने इस मामले में अधिवक्ता करण तिब्रेवाल को कमिश्नर नियुक्त किया है. साथ ही रणथंभौर के संरक्षित वन क्षेत्र में चल रहे अवैध निर्माण कार्यों की जांच के आदेश दिए हैं. अब न्यायालय द्वारा नियुक्त किये गए कमिश्नर करन तिब्रेवाल द्वारा रणथंभौर के संरक्षित वन क्षेत्र में चल रहे अवैध निर्माण कार्यों की जाँच कर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी.