Rajasthan News: राजस्थान के सवाई माधोपुर से विधायक और भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के कारण सियासी हलचल मची है. किरोड़ी लाल मीणा ने सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र के शहरी और ग्रामीण इलाकों में इस बीच पेयजल संकट को लेकर बड़ी डिमांड उठाई है. इसको लेकर उन्होंने चंबल-नादौती-सवाई माधोपुर पेयजल योजना पर भी बड़े सवाल खड़े किए. 


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किरोड़ी लाल मीणा ने तंज कसते हुए लिखा कि पेयजल संकट के कारण "कब मरेगी सासू और कब आएंगे आंसू" जैसी हालत लोगों के सामने हो रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरीके से योजना का कार्य चला है, उस तरीके से तो 20 साल बाद भी सवाई माधोपुर के लोगों को पानी नहीं मिल पाया.


 



20 साल बाद भी नहीं मिला पानी


डॉ. किरोड़ी लाल ने पत्र में लिखा कि 2004 में चंबल-नादौती-सवाई माधोपुर पेयजल योजना की स्वीकृति मिली थी. जिसकी उस समय लागत 478.91 करोड़ रुपए थी. इस योजना में सवाई माधोपुर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति किया जाना प्रस्तावित था, लेकिन बार-बार सोर्स बदलने की वजह से आज 20 साल बाद भी सवाई माधोपुर के हालात जैसे के तैसे बने हुए हैं. 



अब तक योजना का पानी नहीं पहुंच पाया. किरोड़ी लाल मीणा ने पत्र में पेयजल संकट को दूर करने के लिए सवाई माधोपुर को ईआरसीपी के तहत ईसरदा-दौसा पेयजल योजना से जोड़ने की मांग की है. साथ ही उन्होंने रामेश्वर घाट से भी पेयजल आपूर्ति करने के विकल्प का भी सुझाव दिया है.


 



कब मरेगी सासू और कब आएंगे आंसू- किरोड़ी लाल मीणा


विधायक डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने अपने विधानसभा क्षेत्र के पेयजल संकट को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और जलदाय मंत्री कन्हैया लाल मीणा को पत्र लिखा. पत्र में किरोड़ी लाल मीणा ने अपने विधानसभा क्षेत्र में पेयजल संकट के कारण गंभीर स्थित बताई है. 



किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि गर्मी के मौसम में सवाई माधोपुर के शहरी इलाकों में पानी की आपूर्ति केवल 20 मिनट हो रही है. इसके कारण अब लोगों की हालत "कब मरेगी सासू और कब आएंगे आंसू" जैसी स्थिति हो गई है. उन्होंने ग्रामीण इलाकों में पेयजल संकट की स्थिति से भी पत्र के जरिए अवगत कराते हुए मुख्यमंत्री और जलदाय मंत्री से पेयजल संकट का जल्द समाधान करने की अपील की है.