Sawai Madhopur News: राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में खंडार उपखण्ड क्षेत्र से बहने वाली चंबल नदी पर स्थित झरेल के बालाजी पुलिया पर मछलियों को आटा खिलाना एक 45 वर्षीय व्यक्ति को भारी पड़ गया. दरअसल कोटा जिले खातौली थाना अंतर्गत बालुपा गांव निवासी बाबूलाल गुर्जर सवाई माधोपुर की तरफ से सुबह करीब 8 बजे अपने गांव जाने के लिए झरेल के बालाजी पुलिया से निकल रहा था. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह भी पढ़ें- Jaipur: 100 दिनों की उपलब्धियों पर राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की ओर से प्रेस वार्ता



इस दौरान पुलिया से बह रहे पानी में मछलियों को आटा डालते समय उसका मोबाइल फोन पानी मे गिर गया. मोबाइल निकालने के प्रयास में वह अनियंत्रित होकर पुलिया से चंबल नदी में गिर गया. पानी का बहाव तेज होने के कारण व्यक्ति करीब 100 मीटर तक पानी में बहा, लेकिन बाबूलाल गुर्जर ने तेज बहाव को चीरते हुए जैसे-तैसे पत्थरों को पकड़ लिया और अपनी जान बचाई. 


 



इसके बाद सूचना पर पहुंची खंडार थाना पुलिस और सेल्फ डिफेंस की टीम ने ट्यूब के सहारे रस्सा डालकर एक युवक को नदी के बीच पत्थरों पर बैठे व्यक्ति के पास भेजा और ट्यूब की मदद से रस्से को खींचकर सुरक्षित बाहर निकाल लिया. तब जाकर प्रशासन ने राहत की सांस ली. इस दौरान खंडार थानाधिकारी गिर्राज प्रसाद वर्मा मौके पर मौजूद रहे.


 



स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक युवक आज सुबह करीब 8 बजे झरेल के बालाजी पुलिया से बह गया. इस दौरान वह करीब 100 मीटर दूर तक पानी में बहता रहा. उसके बाद 45 वर्षीय व्यक्ति ने पत्थरों तक पहुंच कर अपने आप को सुरक्षित किया. युवक के चंबल नदी में बहने की सूचना पर खंडार थाना पुलिस मौके पर पहुंची है और रस्सों की मदद से युवक को निकालने के प्रयास शुरू किए. 


 



इसके बाद शाम करीब 4 बजे युवक को निकालने में सफलता मिली. इससे पहले पानी का बहाव तेज होने के कारण रस्सी युवक तक नहीं पहुंच पा रही थी फिर ट्यूब के सहारे रस्सा बांधकर एक स्थानीय गोताखोर को नदी में फंसे व्यक्ति के पास भेजा तब जाकर 45 वर्षीय बाबूलाल गुर्जर को सुरक्षित बाहर निकाला जा सका.


 



सवाई माधोपुर और कोटा जिले की सीमा से बह रही चंबल नदी पर बनी झरेल के बालाजी पुलिया पर वर्तमान में पानी की आवक तेज है और पुलिया पानी मे डूबी हुई है. पुलिया के दोनों छोर पर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त नहीं होने के कारण स्थानीय लोग लापरवाह होकर पानी से पुलिया पार करते हैं, जिससे हमेशा हादसा होने का अंदेशा बना रहता है.