Sawai madhopur, Bamanwas: नगरपालिका मुख्यालय बौंली पर एक बार फिर पैंथर की मूवमेंट से दहशत का माहौल है.अलसुबह एक पैंथर ने बौंली के रिहायशी इलाके में अटैक कर दिया.पैंथर हमले में 8 बकरियों की मौत हो गई.सूचना के बाद वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची और ट्रैकिंग शुरू की.


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पीड़ित घनश्याम सैनी ने बताया कि उसका मकान व बाड़ा रामशाला चौक के समीप आदर्श विद्या मंदिर के पीछे स्थित है.रोज की तरह विगत रात भी उसने अपनी 10 बकरियों को एक साथ बाड़े पर बने हुए छप्पर के नीचे बांध रखा था.पीड़ित घनश्याम के मुताबिक अलसुबह तकरीबन 3 बजे बकरियों के अत्यधिक चिल्लाने की आवाज सुनकर वह जागा.


उसने पाया कि पैंथर ने बकरियों पर हमला कर दिया है. जिसके बाद उसने परिवार को व आसपास के लोगों को जगा कर पैंथर को भगाने की नाकाम कोशिश की.इस दरमियान पैंथर ने 6 बकरियों को मौके पर ही मार दिया. वहीं दो बकरियों का शिकार कर उन्हें ले गया. दो बकरियां किसी  तरह वहां से भाग गईं.


सूचना के बाद सुबह 9 बजे वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. वनरक्षक छोटी देवी ने बताया कि आसपास के क्षेत्र में पैंथर के पैरों के निशान देखे गए हैं. ऐसे में माना यह जा रहा है की पैंथर ने बाड़े में घुसकर हमला कर दिया.जिससे बकरियों की मौत हो गई. मौके पर आधा दर्जन मृत जानवरों को देखकर पीड़ित परिवार सदमे में है. पशुपालन से आजीविका चलाने वाले परिवार का रो रो कर बुरा हाल है.स्थानीय लोगों ने वन विभाग की टीम से पीड़ित परिवार को मुआवजा दिए जाने की मांग की है. वहीं वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए पैंथर की ट्रैकिंग शुरू की है.


पहले भी क्षेत्र में कई बार पैंथर हमले के मामले सामने आ चुके हैं. लेकिन मुख्य रिहायशी इलाकों में पैंथर का हमला होने से स्थानीय लोग खौफजदा हैं. स्थानीय लोगों ने पैंथर को रेस्क्यू कर आबादी क्षेत्र से दूर छोड़े जाने की मांग की है.


गौरतलब है कि विजयगढ़ पहाड़ी क्षेत्र में दर्जनों की तादाद में लेपर्ड मौजूद है.लेकिन वन क्षेत्र में लगातार हो रहे मानवीय अतिक्रमण व बढ़ते औद्योगिकरण के चलते वन्यजीव अपनी टेरिटरी को लेकर संघर्षरत रहते हैं. जंगल क्षेत्र में मानवीय दखलअंदाजी के चलते वन्यजीवों का रुख पोश कॉलोनियों की ओर होने लगा है.ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की तलाश में वन्यजीव पहाड़ी क्षेत्र के नजदीक बनी हुई रिहियशी कॉलोनियों में लगातार मूवमेंट करते हैं. वन विभाग के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से पशुधन को सुरक्षित बांधने वह मुख्य जंगल क्षेत्र से दूर रहने की अपील की है.