Sawai madhopur News: अप्रिय घटनाओं के चलते सुर्खियों में है रणथंभौर, 4 दिन में दो बार टाइगर अटैक की घटनाएं आई सामने
Sawai madhopur News: सवाई माधोपुर में बाघों की अठखेलियों को लेकर विश्व पटल पर अपनी एक ख़ास पहचान बना चुका है. रणथंभौर से 25 बाघों के लापता होने की खबर ने सभी को हिलाकर रख दिया है. विभागीय अधिकारियों की लापरवाही एवं अनदेखी के चलते रणथंभौर इन दिनों अप्रिय घटनाओं को लेकर सुर्खियों में है.
Sawai madhopur News: राजस्थान के सवाई माधोपुर में बाघों की अठखेलियों को लेकर विश्व पटल पर अपनी एक ख़ास पहचान बना चुका है. सवाई माधोपुर में स्थित रणथंभौर टाइगर रिजर्व विगत कुछ दिनों से अप्रिय घटनाओं को लेकर लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. रणथंभौर में महज चार दिनों में दो बार टाईगर अटैक की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें एक ग्रामीण की मौत सहित एक टाईगर की भी मौत हो चुकी है.
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वहीं एक श्रद्धालु पर भी टाईगर ने हमला कर दिया. गनीमत ये रही कि श्रद्धालु की जान बाल-बाल बच गई और सिर्फ हल्की फुल्की खरोंच ही आई. वरना कोई बड़ा हादसा भी हो सकता था. वहीं रणथंभौर से 25 बाघों के लापता होने की खबर ने सभी को हिलाकर रख दिया है. विभागीय अधिकारियों की लापरवाही एवं अनदेखी के चलते रणथंभौर इन दिनों अप्रिय घटनाओं को लेकर सुर्खियों में है.
विगत शाम रणथंभौर नेशनल पार्क के मध्य स्थित रणथंभौर दुर्ग में अचानक उस वक्त हड़कंप मच गया. जब बाघिन ऐरोहेड T-84 अपने तीन शावकों के रणथंभौर दुर्ग में पहुंच गई. इस दौरान बाघिन के एक टाईगर शावक ने रणथंभौर दुर्ग में त्रिनेत्र गणेश दर्शनों के लिए आए एक श्रद्धालु पर हमला कर दिया. गनीमत यह रही कि श्रद्धालु पर बाघिन के शावक ने सिर्फ हल्का सा झपट्टा ही मारा जिससे श्रद्धालु की शर्ट फट गई और शावक के नाखून से हल्की सी खरोंच भर आईं.
लेकिन इस दौरान बाघिन रणथंभौर दुर्ग में करीब एक से डेढ़ घंटे तक बैठी रही. इस दौरान रणथंभौर दुर्ग में मौजूद त्रिनेत्र गणेश श्रद्धालुओं एंव पर्यटकों की जान हलक में आ गई और वहां दहशत फैल गई. घटना के दौरान मौके पर मौजूद श्रद्धालुओं ने बताया कि वो डेढ़ से दो घंटे के दहशत के पल उन्हें जीवन भर याद रहेंगे. उनका कहना है कि रणथंभौर दुर्ग में बाघिन एरोहेड और तीन शावकों का मूवमेंट था और जब एक शावक ने एक श्रद्धालु पर हमला कर दिया.
अन्य श्रद्धालुओं और पर्यटकों की जान हलक में आ गई और सबके कंठ सुख गए. डर के मारे सभी लोग दुर्ग की दीवारों पर चढ़ गए और कुछ लोग दीवारों से चिपक गए. बाघिन एंव शावकों को देखकर लोगों में भगदड़ सी मच गई और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर दौड़ने लगे. डेढ़ से दो घंटे तक सभी लोग रणथंभौर दुर्ग में फंसे रहे और भगवान त्रिनेत्र गणेश से अपनी जान की सलामती की दुआ करते रहे.
श्रद्धालुओं का कहना है कि दहशत के वो पल और मौके पर देखा वो मंजर वे कभी नहीं भूल पाएंगे. मौके पर मौजूद लोगों की रूह कांप गई, उनका कहना है कि गनीमत रही कि घटना के दौरान मौके पर कुछ रणथंभौर दुर्ग के गाइड मौजूद थे. जिन्होंने हिम्मत दिखाई और लोगों को टाईगर मूवमेंट को लेकर आगाह किया और सभी की जांच बचाई. इस दौरान मौके पर मौजूद लोगों ने वन विभाग को घटना की सूचना दी.
सूचना मिलने के करीब डेढ़-दो घंटे बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और जैसे तैसे रणथंभौर दुर्ग में फंसे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सकुशल दुर्ग से बाहर निकाला. वहीं वन कर्मियों द्वारा हल्ला कर बाघिन एंव शावकों को भगाया गया. इस दौरान वन विभाग एवं गाइडों ने दुर्ग में फंसे करीब 500-700 लोगों को बाहर निकाला.
गौरतलब है कि विगत शनिवार को ही रणथंभौर से सटे उलियाणा गांव में खेत मे बकरियां चरा रहे एक ग्रामीण पर टाईगर ने हमला कर दिया था, जिसमें ग्रामीण की मौत हो गई थी. वहीं ग्रामीण की मौत के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने पीट-पीट कर टाईगर को मौत के घाट उतार दिया था. शनिवार को हुई घटना को लेकर वन विभाग ने कोई सबक नहीं लिया और वन विभाग की लेट लतीफी देखने को मिली. इस दौरान रणथंभौर दुर्ग में कोई बड़ी घटना हो जाती, तो इसका जिम्मेदार कौन होता.
घटना को लेकर रणथंभौर टाईगर रिजर्व के डीएफओ रामानंद भाकर का कहना है कि बाघिन ऐरोहेड के एक शावक ने एक श्रद्धालु पर हमला किया था. हमले में उसे हल्के नाखून की खरोंच आई है. श्रद्धालु को कोई ज्यादा चोट नहीं आई है. वहीं रणथंभौर की आरोपीटी रेंज के रेंजर कैलाश शर्मा ने बताया कि सभी श्रद्धालुओं को रणथंभौर दुर्ग से बाहर निकाल दिया गया है और बाघिन को भी मौके से भगा दिया गया.
एतिहात के तौर पर रणथंभौर दुर्ग में फोटो ट्रेप कैमरे लगाए गए हैं. वहीं वन कर्मियों की टीम तैनात की गई है, जो बाघिन एवं शावकों की मॉनिटरिंग में जुटी हुई है. हालांकि एक बार फिर वन अधिकारियों ने मीडिया के कैमरों का सामना करने से कन्नी काट ली. रणथंभौर में लगातार हो रही घटनाएं रणथंभौर के अधिकारियों की कार्यशैली बयां कर रही हैं और वनाधिकारियों की लापरवाही खुलकर सामने आ रही है.