Sikar news: लगातार गिरते जल स्तर को बढ़ाने तथा इलाके में हो रही लगातार पानी की कमी को कैसे पूरा किया जाए, इसी को ध्यान में रखकर वर्षा जल को सहेजने के कार्य को संकल्प के साथ एक युवक ने दिल में वर्षा जल संरक्षण का संकल्प लेकर अपने चार युवकों के साथ ऐसा कठोर निर्णय लिया कि देखते ही देखते गांव के लोगों ने उनकी प्रशंसा कर डाली. मामला क्षेत्र के रानीपुरा कांसरडा के पर्यावरण प्रेमी बजरंग सिंह कुड़ी ने आमजन को जल प्रबंधन का संदेश देने के लिए कांसरडा पंचायत के विजयपुरा मे बनी हुई 300 साल पुरानी बावड़ी की खुदाई शुरू कर डाली. 


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राजस्थान मे प्राचीन काल से ही बारिश की कमी रही है
बजरंग सिंह कुड़ी ने बताया कि राजस्थान मे प्राचीन काल से ही बारिश की कमी रही है. अतः यहां के निवासियों को पीने के पानी की कमी हर काल मे रही है अतः यहां के राजाओं, रानियों व सेठ साहूकारों ने पीने के पानी की व्यवस्था के लिए बावड़ियां व तालाब बहुतायत से बनवाये ताकि स्थानीय निवासियों के साथ राहगीरों को पीने का पानी आसानी से उपलब्ध हो सकें l लेकिन समय परिवर्तन के साथ नई तकनीकी विकास के कारण लोग कुओं व बोरवैल का निर्माण करवा कर भूमि जल का अधिक मात्रा में दोहन कर जल स्तर को कम कर दिया है


बावड़ी की खुदाई कर मिट्टी बाहर निकालने का कार्य कर रहे
 अतः अब स्थिति ये बन गई कि पेयजल की समस्या बढ़ने लगी है. अगर समय रहते जल प्रबंधन की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो स्तिथि बहुत गंभीर हो सकती हैं . इसलिए आमजन को बारिश के पानी का संचय करने के लिए इस 300 वर्ष पुरानी बावड़ी को जो कि पूरी तरह से मिट्टी पत्थर व कचरे से भरी हुई थी. की खुदाई कर जल संचय का संदेश दिया गया ताकि आने वाले समय मे पेयजल की समस्या के प्रति जागरूक हो सकें. युवक बजरंग सिंह के साथ टीम में सदस्य राजवीर गढ़वाल,अरुण,राजू जाखड़,मुरलीधर कुडी भी शामिल है, जो लगातार बावड़ी की खुदाई कर मिट्टी बाहर निकालने का कार्य कर रहे हैं.


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