Khatu Shyam Mela 2023: खाटू मेले में सिर पर सिगड़ी और हाथों में निशान लेकर आती है महिलाएं, जानें वजह
Khatu Shyam Mela 2023: राजस्थान के सीकर के खाटू श्याम के मेले में महिलाएं हाथों में निशान के साथ-साथ सिर पर सिगड़ी लेकर आती हैं. निकाली जाने वाली यह निशान पदयात्रा लगभग 327 साल पुरानी है.
Khatu Shyam Mela 2023: राजस्थान के सीकर के खाटू श्याम जी मंदिर में फाल्गुन महीने की शरुआत होते ही दुनियाभर से भक्तों का आना शुरू हो गया. आने वाली 22 फरवरी से लक्खी मेला शुरू हो जाएगा. मेले के चलते यहां लाखों भक्त हाथों में निशान लेकर पहुंचते हैं.
वहीं, यहां झुंझुनूं (Jhunjhunu) जिले के सूरजगढ़ से भी एक पदयात्रा निशान लेकर आती है. यहां से आनी वाली यह निशान पदयात्रा काफी फेमस है और इस यात्रा में शामिल होने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. यह यात्रा अनोखी है, इस पदयात्रा में महिलाएं हाथों में निशान के साथ-साथ सिर पर सिगड़ी लेकर आती हैं. यहां के लोगों का मानना है कि जिस भी महिला की कोई मनोकामना पूरी हो जाती है, तो वह महिला सिर पर सिगड़ी लेकर मंदिर आती है और बाबा को चढ़ाती है.
अंग्रेजों ने लगा दिया था बाबा के मंदिर को ताला
झुंझुनूं जिले के सूरजगढ़ से निकाली जाने वाली यह निशान पदयात्रा लगभग 327 साल पुरानी है. इसकी शुरूआत सबसे पहले विक्रम संवत 1752 में अमरचंद भोजराजका परिवार ने की थी. जानकारी के अनुसार, उस वक्त अंग्रेजी शासन में बाबा श्याम के मंदिर को बाहर से ताला लगा दिया गया था, तभी एक भक्त ने मंगलाराम ने मोरपंख से ताला तोड़ दिया था. इस दिन से हर साल यह अनोखी निशान पदयात्रा निकाली जाती है.
90 घंटे में पूरी होती है यह पदयात्रा
सूरजगढ़ से निकलने वाली यह निशान पदयात्रा 90 घंटे में पूरी होती है. इस दौरान भक्त बाबा के भजनों के साथ झूमते-गाते है. यह यात्रा जैसे-जैसे आगे बढ़ती है वैसे-वैसे लोगों की संख्या बढ़ती चली जाती है. इस यात्रा में लगभग 10 हजार भक्त शामिल होते हैं.
इस बार भी हर साल की तरह लक्खी मेले के चलते सूरजगढ़ निशान पदयात्रा निकाली जाएगी. इस साल यह पदयात्रा 26 फरवरी और 27 फरवरी को शरू होगी और 4 मार्च को बाबा को निशान चढ़ाएगी.
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