Khatu Shyam Ji: राजस्थान के सीकर में बाबा श्याम का भव्य मंदिर स्थित है, यहां साल भर भक्तों का मेला भरा रहता है. खाटू श्याम मंदिर में देश के साथ विदेशों से भी भक्त दर्शन करने आते हैं. कहते हैं कि बाबा के दरबार से कोई भी श्रद्धालु निराश होकर नहीं लौटता है. वहीं, बाबा के दरबार में भक्तों द्वारा निशान अर्पित किए जाते हैं. 


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ऐसे में आज हम आपको बाबा श्याम को चढ़ाए जाने वाले उस निशान के बारे में बताने जा रहे हैं, जो बाबा के शिखर पर 12 महीने लहरता है. जानिए बाबा के इस निशान की कहानी. 



बाबा के शिखर पर 12 महीने लहराने वाला यह निशान झुन्झुनू के सूरजगढ़ से आता है. खाटू श्याम बाबा का सूरजगढ़ से खास रिश्ता है. पुरानी कहानियों के मुताबिक, जब भी बाबा के मंदिर पर हमला किया गया. उस वक्त सूरजगढ़ के श्याम भक्तों से सभी का कड़ा मुकाबला हुआ. श्याम भक्तों ने ना तो कभी मंदिर को कुछ होने दिया और ना ही दर्शनों को रुकने दिया. 


जानकारी के अनुसार,  अंग्रेजी हुकूमत के समय भक्तों का सैलाब देखकर मंदिर को ताला लगा दिया था. उस वक्त मंगलाराम नाम का एक भक्त अपने गुरु गोर्धनदास के आदेश के बाद  निशान लेकर खाटू श्याम पहुंचा. कहते हैं कि जैसे ही उसने बाबा श्याम का नाम लेकर मोर पंख चढ़ाया, उसी वक्त अंग्रेजों ने हार मान ली. 



दरअसल, अंग्रेज बाबा के दरबार में ताला लगाकर पूजा-पाठ बंद करवाना चाहते थे लेकिन सूरजगढ़ के श्याम भक्त मंगलाराम ने इस रोक दिया और अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए. ऐसे में कहा जाता है कि सूरजगढ़ से जो निशान आता है उसमें खुद बाबा श्याम चलते हैं. 

वहीं, इसी के चलते मंदिर कमेटी ने सूरजगढ़ के निशान को बाबा के मुख्य शिखर पर चढ़ाने का फैसला लिया था, जो रिवाज आज भी निभाया जा रहा है. बाबा के मंदिर के मुख्य शिखर पर सूरजगढ़ के निशान को चढ़ाया जाता है, जो बाबा के मुख्य शिखर पर पूरे साल यानी 12 महीने लहराता है बाकी किसी भी ध्वज यानी निशान को बाबा के शिखर पर जगह नहीं मिलती है. 


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