Lawyer Suicide : राजस्थान के सीकर जिले के खंडेला एसडीएम कोर्ट में अधिवक्ता के आत्मदाह मामले में बीते कुछ दिनों से चला रहा गतिरोध शनिवार रात को पांचवे दौर की वार्ता के बाद खत्म हो गया. प्रशासन ने अधिवक्ताओं की अधिकांश मांगें मान ली जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने धरना समाप्त कर आज 10 बजे सुबह अधिवक्ता के अंतिम संस्कार की बात कही.


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इससे पहले जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी और पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप के साथ अधिवक्ताओं और धरनार्थियों के प्रतिनिधिमंडल के बीच पांच सूत्रीय मांगों को लेकर सहमति नहीं बन पाई थी. जिसके बाद मध्य रात्रि करीब 12:00 बजे प्रशासन ने एक बार फिर वार्ता की पहल की, उसके बाद प्रतिनिधिमंडल कॉमरेड अमराराम, पूर्व चिकित्सा राज्य मंत्री बंशीधर बाजिया और कांग्रेस नेता सुभाष मील के नेतृत्व में प्रशासन के बुलावे पर पंचायत समिति पहुंचा.


क्या मांगे मान ली गयी हैं
मृतक अधिवक्ता हंसराज मावलिया के आश्रित को सरकारी नौकरी और चालीस लाख रुपए की आर्थिक मदद, घायल वकील सुभाष को पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद, पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच, इस आंदोलन के दौरान राज्य में अधिवक्ताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, उपखंड अधिकारी और थाना अधिकारी को निलंबित करने की मांग 


आपको बता दें कि 9 जून को अधिवक्ता हंसराज मावलीया ने एसडीएम कोर्ट में ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगाकर आत्मदाह करने का प्रयास किया था, जिसने जयपुर में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. अधिवक्ता हंसराज मावलिया की मौत के बाद पूरे राजस्थान में राजस्व न्यायालयों में वकील कलम डाउन हड़ताल कर सड़कों पर अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. वकील हंसराज मावलीया ने एसडीएम और एसएचओ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे.



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