Sikar, Laxmangarh: इंसान अपनी जिंदगी में कई संकल्प करता है. लेकिन दुनिया में बहुत कम ही ऐसे लोग होते हैं, जो मरणोपरांत भी समाज के लिए कुछ करके जाने का संकल्प ले पाते हैं. और जो संकल्प लेते हैं, जरूरी नहीं कि उनके जाने के बाद परिजन उसे पूरा ही करें. लेकिन जमनालाल की कहानी अलग है. लक्ष्मणगढ़ उपखंड क्षेत्र के घाणा गांव निवासी जमनालाल ने 2 साल पहले अपना शरीर सीकर सांवली मेडिकल कॉलेज छात्रों को अध्ययन के लिए देहदान  का संकल्प लिया था. अब उनके बेटों ने पिता के संकल्प को देहदान करके उनका संकल्प पूरा कर दिया है. जानकारी के अनुसार जमनालाल का जीवन संघर्षों से घिरा रहा. उन्होंने जिंदगी में कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन कभी अपने पथ से अलग नहीं हुए. मंगलवार को परिवार ने उनकी मरणोपरांत देह दान की उनकी इच्छा को पूरा किया.


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लक्ष्मणगढ़ उपखंड क्षेत्र के घाणा गांव में त्रिलोक चंद भाटीवाडा के घर जन्मे सरल और धार्मिक विचार के व्यक्तित्व जमना लाल भाटीवाडा ने 2 साल पहले 2020 में देहदान का संकल्प लिया था. यह सोच कर की उनका शरीर मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के अध्ययन के लिए काम आए. विपरीत परिस्थितियों में गुजरे. बचपन अल्पायु में पिता का देहांत हो गया. इसके बाद जमनालाल भाटीवाडा अपने गांव और रिश्तेदारों से विशेष लगाव रखते थे. जमनालाल भाटीवाडा का निधन बीती रात को होने के बाद मंगलवार उनके तीनो बेटों कुलदीप शर्मा, श्रीराम शर्मा और मेशचंद्र शर्मा ने अपने पिता का संकल्प पूरा करते हुए परिवार की सहमति से पिता का पार्थिक देह सीकर के सांवली मेडिकल कॉलेज में छात्रों के अध्ययन के लिए आज देहदान किया है.


जमना लाल भाटीवाड़ा के परिवार में पत्नी परमेश्वरी देवी, पुत्र कुलदीप शर्मा, श्रीराम शर्मा और रमेशचंद शर्मा, पुत्री विमला देवी, राधा देवी, सुमित्रा देवी, इंदिरा देवी, सुनीता देवी, पौत्र अशोक शर्मा, योगेश शर्मा, विकास शर्मा, मंथन शर्मा पौत्री सरोज शर्मा, रेखा शर्मा, योजना शर्मा, सोनू शर्मा और रिचा शर्मा हैं.