Sikar: राजस्थान के सीकर के पलसाना में पंचायत समिति की बैहक में उस समय सब लोग हक्का बक्का रह गए, जब एक पुरूष सदस्य महिला के वेशभूषा में आ गया और अपने इलाके की पानी की समस्या के समाधान की मांग की. हालांकि पलसाना पंचायत समिति की प्रधान सुनीता वर्मा की अध्यक्षता में होने वाली साधारण सभा की बैठक कोरम के अभाव में स्थगित कर दी गई थी.


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पंचायत समिति की बैठक अब आठ अगस्त को आयोजित होगी. बैठक भले ही स्थगित कर दी गई और वहीं बैठक के दौरान सरपंचों ने जहां काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. वहीं एक सदस्य महिलाओं की वेशभूषा में सदन में पहुंच गया और पानी की समस्या को लेकर अपनी पीड़ा रखी.


जानकारी के अनुसार साधारण सभा की बैठक सुबह साढ़े दस बजे बुलाई गई थी, लेकिन कोरम के अभाव में बैठक को आधे घंटे तक स्थगित कर दिया गया, लेकिन आधे घंटे बाद भी कोरम पूरा नहीं होने पर बैठक को स्थगित कर दिया गया. साधारण सभा की बैठक अब आठ अगस्त को बुलाई गई है.


बैठक में विकास अधिकारी गोपाल सिंह, नायब तहसीलदार महिपाल सिंह, पंचायत समिति सदस्य बाबूलाल बाजिया, हनुमान सिंह महला, रामनारायण चौधरी, ओम प्रकाश शर्मा, दयालचंद, सवाई सिंह, विद्युत विभाग के एईएन पुखराज बेरवा, पीडब्ल्यूडी एईएन अलका सिंह, जलदाय विभाग कनिष्ठ अभियंता अंतिमा कुमावत, कृषि विभाग से मंजू मीणा, चिकित्सा अधिकारी डॉ. महेंद्र सिंह हरितवाल सहित विभागों के अधिकारी वह कर्मचारी मौजूद रहें.


महिला की वेशभूषा में आया सदस्य
पंचायत समिति की साधारण सभा की बैठक कोरम के अभाव में स्थगित कर दी गई, लेकिन बैठक में मंढ़ा वार्ड से सदस्य प्रकाश मिश्रा पानी की समस्या को लेकर महिलाओं की वेशभूषा में सदन में पहुंचा. प्रकाश मिश्रा महिलाओं की वेशभूषा धारण करें. सर पर पानी का प्रतीक दोघड़ लेकर प्रधान के सामने पहुंचा और मालियों की ढाणी में पेयजल समस्या के समाधान की मांग की. इस पर प्रधान ने जलदाय विभाग के कर्मचारियों से पेयजल समस्या के समाधान करवाने की बात कही. इस पर कर्मचारियों ने समस्या का समाधान करवाने का आश्वासन दिया. सदस्य की ओर से महिलाओं के वेशभूषा में सदन में आना चर्चा का विषय बना रहा.


सरपंचों ने बैठक का बहिष्कार
साधारण सभा की बैठक का सरपंच संघ ने मागों को लेकर बहिष्कार किया है. पंचायत समिति क्षेत्र के सरपंच ग्राम पंचायत पलसाना से काली पट्टी बांधकर नारेबाजी करते हुए बैठक स्थल तक पहुंचे. बाद में सरपंचों ने सदन में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और विकास अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर बैठक का बहिष्कार कर दिया. बाद में सरपंच सदन से बाहर चले गए.