Fatehpur: फतेहपुर के नगरदास गांव में हुई शादी चर्चा का विषय बनी हुई है. नगरदास गांव में हुई शादी में दूल्हे ने दहेज ना लेकर एक अनुकरणीय मिसाल पेश की है.


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दहेज प्रथा कानून गलत है, लेकिन समाज में आज भी विद्यमान है. इसी प्रथा को सामाज से दूर करने के लिए निकटवर्ती गांव नगरदास में पहल हुई. इलाके के नगरदास गांव में हुई शादी में दोनों परिवारों ने सामाजिक बदलाव का संदेश देकर मिसाल कायम की है. शादी में वर पक्ष ने एक रुपया भी दहेज में नहीं लिया, ना ही किसी तरह का कोई सामान लिया.


खास बात यह है कि यह शादी जिन दो परिवारों में हुई वो दोनों ही संपन्न परिवार है. जानकारी के अनुसार नगरदास गांव में स्थित बालाजी सीनियर सेकंडरी स्कूल के निदेशक धर्मपाल मील की बेटी महिमा की शादी सुलखनिया निवासी नरेंद्र के साथ हुई. नरेंद्र पेशे से इंजीनियर हैं, दूल्हे नरेंद्र की दिल्ली में फैक्ट्री है. ऐसे में नरेंद्र ने दहेज नहीं लेने की बात परिवार में कही, नरेंद्र की समाज के प्रति सोच से परिवार भी प्रभावित हुआ. इसके बाद वर पक्ष एक रुपया नारियल लेकर ही दुल्हन को लेकर गए. दुल्हन के पिता धर्मपाल मील ने बताया की वर पक्ष कीओर से शादी में दहेज के नाम पर एक रुपए का सामान भी नही लिया गया, जो कि एक अच्छा सामाजिक संदेश है.


वहीं समाज में आ रहे ऐसे बदलाव को लेकर लोगों ने अनुकरणीय पहल बताते हुए दहेज जैसी कुप्रथा को बंद करने की बात कहते हुए बिना दहेज के हुई शादी की सराहना की.


Reporter- Ashok Singh Shekhawat