Sikar: नगर परिषद की अनदेखी एवं दोषपूर्ण कार्यशैली के चलते अनेक स्थानों पर नाले नालियों के उपर से बहता गंदा पानी और बराबर में लगे कचरे ढेर नगर परिषद के सफाई व्यवस्थाओं की पोल खोलने मे काफी है.पानी निकासी कैसे हो जब नाले नालियां ही कचरे,मिट्टी से अटी हुई है, जिसके कारण नालियों का गंदा पानी रास्ते पर फैलता रहता है.


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 पोल खोलने के लिए काफी 
नगर पालिका प्रशासन की अनदेखी और दोषपूर्ण कार्यशैली की वजह से शहर के अनेक स्थानों पर नाले नालियां कचरे से अटी हुई रहती हैं, तो जगह-जगह कचरे के ढेर भी पालिका की ओर से स्वच्छता एवं सौन्दर्यकरण का ढिढोरा पिट कर स्वच्छता का संदेश दिया जा रहा है. जबकि यहां के मण्डावा सड़क मार्ग सहित अन्य स्थलों पर जमा गंदगी और कचरा सफाई व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है.


चैंबर खुला पड़ा है
कस्बे के सारनाथ मंदिर मार्ग पर नाले नालिया कचरे से अटी हुई है, वहीं झुंझुंनू बस स्टैंड के समीप मकबरा की तरफ जाने वाले रास्ते के पास बनी नाली के उपर तक कचरा जमा हुआ है, जिससे पता तक नहीं लग रहा की यहां पानी निकासी की नाली भी है क्या ,इससे सटते ही चैंबर खुला पड़ा है जो किसी दुर्घटना को न्यौता दे रहा है.


 चैंबर्स से पानी निकल रहा
इधर आगे राजपूत छात्रावास जाने वाले रास्ते पर भी एक चैंबर्स से पानी निकल रहा है, चैंबर्स भी खुला पड़ा हुआ है. मंडावा रोड पर भी पानी निकासी के नालों के पास नालों से निकाली गई मिट्टी का जमावड़ा लगा हुआ है.भले ही नालों से मिट्टी निकाली हो मगर वो वापस धीरे-धीरे अंदर जा रही है,


बरसात सिर पे
नगर परिषद प्रशासन की अनदेखी के चलते पानी निकासी के नाले नालियो की सफाई नहीं होना आने वाले बरसात के दिनों में और अधिक परेशानी का कारक बन सकता है, मजेदार तथ्य यह है कि कस्बे में पानी निकासी की व्यस्थाओं की एक हल्की बरसात में पोल खुलकर सामने आ जाती है, मानसून की बरसात सिर पे मंडरा रही है, उसके बाद भी जिम्मेदार अभी तक आंखे नहीं खोल पा रहे हैं.


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