Rajasthan News: सीकर जिले की प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थस्थली भाई बहन के अटूट प्रेम के प्रतीक धार्मिक स्थल जीण माता के चैत्र नवरात्रों में लगने वाले मेले के आज दूसरे दिन जीण भवानी की ब्रह्मचारिणी स्वरूप में पूजा अर्चना की गई. माता के दरबार को विशेष फूलों की श्रृंगार से सजाकर जीण भवानी को मुंबई से तैयार की हुई आकर्षित पोशाक पहनाकर पूजा-पाठ किया गया. 


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माता के दर्शन के लिए पहुंच रहे हजारों श्रद्धालु 
जानकारी देते हुए जीण माता मंदिर पुजारी रजत पाराशर ने बताया कि नवरात्रों में लाखों श्रद्धालु देश विदेश के कोने-कोने से माता के दरबार में शीश नवाने के लिए आते हैं. साथ ही कुछ लोगों की जीण माता कुलदेवी के रूप में मानी जाती है. वह परिवार नवविवाहित जोड़े की धोक लगाने नवरात्रि मेले में आते हैं. साथ ही परिवार में जन्मे छोटे बच्चों को धोक लगवाने के लिए भी बाहर से लोग बड़ी संख्या में माता के दरबार में पहुंचते हैं. आज नवरात्रि के दूसरे दिन भी मंदिर में भक्तों की भारी भिड़ देखने को मिल रही है. 


काजल शिखर के लिए जाने वाले रोपवे का उद्घाटन
मेले की व्यवस्था के लिए अबकी बार मंदिर प्रवेश और निकासी का रास्ता अलग-अलग रखा गया है, जिससे आने व जाने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है. आज जीण माता में काजल शिखर के लिए जाने वाले रोपवे का उद्घाटन भी विधिवत रूप से किया गया, जिससे काजल शिखर पर जाने वाले लोगों को घंटे का सफर कुछ मिनट में ही पूरा करने की सुविधा मिलेगी. रोपवे के शुरू होने से जीण माता में आने वाले श्रद्धालुओं में खुशी की लहर है. उनका कहना है जो लोग ऊपर जाने में असमर्थ है. उनको भी अब काजल शिखर के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा. 


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