सीकर: अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के उपलक्ष्य में फतेहपुर की कृषि महाविद्यालय में विद्यार्थियों द्वारा बाजरे के मूल्य संवर्धन हेतु मशरूम के साथ बाजरे को मिलाकर व्यंजन तैयार किए गए हैं. महाविद्यालय के चतुर्थ वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा प्रायोगिक अनुभव कार्यक्रम के अंतर्गत डॉ. संजय कुमार अत्तर एवं डॉ. मुद्दसर अहमद खान के निर्देशन में सर्वप्रथम मशरूम को उगाया एवं उगाने के पश्चात विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाएं गए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय फतेहपुर प्रोफेसर शीशराम ढाका ने बताया कि वर्ष 2023 को यूनाइटेड नेशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया है. उन्होंने बताया कि श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालयए जोबनेर के कुलपति प्रोफेसर बलराज सिंह ने कृषि महाविद्यालय के पिछले दौरे में कहा कि यूनाइटेड नेशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित होने एवं सीकर जिले की विशेष फसल होने की वजह से इस क्षेत्र में बाजरे के उपभोग को बढ़ावा दिया जाएं. इससे आम लोगों को भी फायदा होगा. साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ेगी. 


यह भी पढ़ें: मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने पायलट की तुलना राम से की, बोले- जनता पायलट को मुख्यमंत्री बनने का इंतजार कर रही


यूनाइटेड नेशन ने मोटा अनाज वर्ष घोषित किया


अधिष्ठाता प्रोफेसर शीशराम ढाका ने बताया कि मशरूम के अंदर विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व के साथ साथ प्रोटीन भी पायी जाती है और बाजरा विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों का परिपूर्ण स्रोत है. इसलिए बाजरे को मशरूम के साथ मिलाकर विभिन्न व्यंजन बनाकर पोषक तत्व को बढ़ाया जा सकता है जो कि मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं. मशरूम सेहत के लिए पौष्टिक माना जाता है. बता दें कि यूनाइटेड नेशन ने मोटा अनाज वर्ष ऐलान किया है. भारत सरकार भी मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के प्रयोग कर रही है. 


इस मौके पर कृषि महाविद्यालय एवं कृषि अनुसंधान केन्द्र के डॉ. हनुमान सिंह जाटव, डॉ. मुजाहिद खान,डॉ. चम्पालाल खटीक व डॉ. झूमर लाल, आसीफ खान एवं सज्जन सिंह, राजेन्द्र सिंह, कल्याण सिंह, जगदेव सिंह, मुस्ताक खान एवं समस्त विद्यार्थीगण मौजूद रहे।