सिरोही अस्पताल में हुई भारी लापरवाही, अब इन 3 कर्मचारियों पर गिरी गाज, जयपुर तक हुई गूंज
Sirohi: राजस्थान के सिरोही का मामला इन दिनों जयपुर से लेकर पूरे प्रदेश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल यहां बीते दिन एक कुत्ते ने सिरोही जिला अस्पताल से मासूम बच्चे को उठा ले गया था. जिससे बच्चे की जान चली गई.
Sirohi: कुत्तों द्वारा सिरोही के राजकीय अस्पताल में एक माह के बच्चे को नोंचने के मामले में जिला प्रशासन ने देर शाम कार्रवाई करते हुए तीन कर्मचारियों पर कार्रवाई की है, जिला कलेक्टर डॉ. भवरलाल ने बताया की मामले में प्रथम दृष्टया मौके पर तैनात कर्मचारियों की घोर लापरवाही सामने आई है.
जिसपर पर नर्सिंग ऑफिसर सुरेश मीणा को निलंबित किया. साथ ही वार्ड के गार्ड भवानी सिंह व वार्ड उज्जवल देवासी की सेवा को समाप्त किया. मामले में जांच की जा रही है. जांच में अन्य किसी की लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.
यह है मामला
पाली जिले के जवाईबांध निवासी महेंद्र कुमार बीमार होने के चलते सिरोही के जिला अस्पताल में भर्ती था. महेंद्र की पत्नी रेखा और तीन बच्चे वार्ड में भी अस्पताल में थे. बीती रात को रेखा अपने तीन बच्चों के साथ वार्ड में नीचे सो रही थी, बच्चों में एक माह का एक बच्चा भी था, रात्रि में करीब 2 बजे दो तीन कुत्ते वार्ड में आकर बच्चे को उठाकर अस्पताल के बाहर ले गए रेखा एक दम से उठी और बाहर गई थी.
कुत्ते एक माह बच्चे को नोंच रहे थे जिसपर पर लोगों की मदद से कुत्तो को भगाया पर कुत्तो ने मासूम को बुरी तरह से नोंच लिया था. जिसके चलते उसकी मौत हो गई. सूचना मिलने पर कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची.
शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंपा. उधर पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही खुल के सामने आई है. किस प्रकार अस्पताल में रात्रि में कुत्तो का आतंक रहता है, पर अस्पताल प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
दिनभर चला विरोध प्रदर्शन, विधानसभा में भी उठा मामला
मामले को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित के नेतृत्व में भाजपा के पदाधिकारियों और कार्यकर्त्ताओ द्वारा सुबह से ही धरना प्रदर्शन किया जा रहा था. मामले में दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग और मुआवजे की मांग की जा रही थी.
उधर मामले में स्थानीय विधायक संयम लोढ़ा ने विधानसभा में मामला उठाया और घटना को मानवीयता के लिए शर्मनाक बताया. विधायक लोढ़ा ने विधानसभा में कहा की दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो और पीड़िता परिवार को सरकारी नौकरी और 10 लाख की मुआवजा राशि दी जाए.
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