Sirohi boy killed by Dog: सिरोही जिले के सबसे बड़े अस्पताल जिला में 27 दिसंबर की को  दिल दहलाने वाला मामला सामने आया था. सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित पाली जिले के जवाई बाँध निवासी महेंद्र मीणा सिलिकोसिस टीवी वार्ड में भर्ती थे. उसकी देखभाल के लिए उसकी पत्नी अपने 3 बच्चे के साथ वही अस्पताल में थी दिनभर रहती थी. रात को  अचानक गहरी नींद आने के कारण पीड़ित की पत्नी रेखा अपने तीन बच्चों के साथ  सो गई लेकिन जब उसकी नींद खुली तो  वह  अपने सामने का नजारा देख उसका कलेजा मुंह को आ गया.


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 कुत्ते ने बच्चे के टुकड़े टुकड़े नोच नोच कर बिखेरे


एक कुत्ता उसके 1 माह के बच्चे विकास को उठाकर लेकर जा चुका था. जब मां को इस बात का एहसास हुआ तो वह उसको खोजने के लिए बाहर निकली लेकिन जब उसकी आंखों ने उस मंजर को देखा.. तो उसकी रूह कांप गई. उसके बच्चे का जो हाल उसकी आंखों ने देखा शायद उसकी जिंदगी का सबसे डरावना पल था. उसके बच्चे के टुकड़े टुकड़े कुत्ते नोच नोच कर इधर-उधर बिखेर चुके थे.  


अस्पताल में हुए इस विभत्स हादसे की जानकारी अस्पताल प्रशासन को  मिलते ही  मौके पर चिकित्सक और नर्सिंग कर्मी पहुंचे. बच्चे के शव को ढूंढने का प्रयास  किया.  जैसे तैसे करके बच्चे के शव को इकट्ठा किया.और उसको पोटली में बांधा. 


अस्पताल प्रशान की लापरवाही
28 फरवरी की सुबह जब मौके पर अधिकारी पहुचंते हैं, तो बिना बताए उसके बच्चे के शव का पोस्टमार्टम करवा दिया जाता है तथा उनकी इजाजत के बिना ही उस बच्चे का अंतिम संस्कार भी करवा दिया जाता है. इतना ही नहींं मां का आरोप है कि उससे एक कोरे कागज पर भी साइन करवाया गया. जैसे-जैसे यह मामला तूल पकड़ता गया वैसे वैसे इसकी गूंज विधानसभा तक भी सुनाई पढ़ी. 


मामले की गूंज पहुंची विधानसभा 
इस विभत्स हादसे पर विधानसभा में सिरोही विधायक संयम लोढ़ा और रेवदर विधायक जगसीराम कोली ने इस घटना का दर्दनाक जिक्र किया और कहा कि पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलवाया जाए.  कलेक्टर की ओर से इस मामले में एक जांच कमेटी गठित की गई. और जांच कमेटी गठित के जरिए मामले की पड़ताल शुरू भी हो जाती है. जांच में सामने आया कि नर्सिंग अधिकारी चौकीदार और वार्ड बॉय की सबसे बड़ी लापरवाही रही जिसके चलते इतनी बड़ी घटना सामने आई. 


वहीं इस मामले में अस्पताल प्रशासन के पीएमओ एके मौर्य की जिम्मेदारी बनती थी. वही आवारा कुत्तों को लेकर भी नगर परिषद के अधिशासी अधिकारी को भी नोटिस जारी किया गया है. इसके साथ ही सांसद देवजी पटेल भी इस पीड़ित परिवार से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे और वहां पर पीड़ित परिवार की दर्द भरी कहानी सुनकर उनको दिलासा दिया. और उचित मुआवजा दिलवाने की बात भी कही. उन्होंने इस मामले में अस्पताल प्रशासन के साथ-साथ कांग्रेस सरकार पर भी जमकर आरोप लगाए.


पीड़ित परिवार का आरोप है कि घटना के एक दिन बाद प्रशासन की ओर से उनके प्रतिनिधि आते हैं और एक प्रिंट किया हुआ कागज लाकर उस पर साइन करवाने की बात भी कहते हैं लेकिन जब पीड़ित परिवार ने इसका विरोध किया तो तो उन्होंने पीड़ित परिवार को ही स्वयं एक पूरी घटना का पत्र लिखने के लिए कहा.


आवारा कुत्तों को पकड़ने के तरीके का किया विरोध


कुत्तों द्वारा मासूम को नोंचने के मामले में जागे नगरपरिषद द्वारा एक तरफ जहां नगर परिषद की ओर से आवारा कुत्तों की धरपकड़ की जा रही है वहीं इस दौराम एक स्वयंसेवी संस्था सामने आती है संस्था के प्रतिनिधियों का कहना है कि नगर परिषद की ओर से इन कुत्तों को कैची का उपयोग कर पकड़ा जा रहा है जोकि सरासर गलत है उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों को गोद लेने की जिम्मेदारी खुद लेना चाहते हैं. इस मामले में उनका एक प्रतिनिधिमंडल भी जिला कलेक्टर से मिला.


यह पूरी घटना और प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई इसमें कई सवाल खड़े कर जाती है आखिर क्यों अस्पताल प्रशासन व जिला प्रशासन इस मामले को छुपा रहा है क्यों सीसीटीवी कैमरे मीडिया को उपलब्ध नहींं करवाए जा रहे हैं क्यों पीड़ित परिवार पर दबाव बनाकर कोरे कागज पर साइन करवाए जा रहे हैं ऐसे कई सवाल हैं जो इस घटना के पीछे छुपे हुए हैं.अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या सरकार और प्रशासन इस पीड़ित परिवार के साथ न्याय कर पाते हैं या नहीं.