Sirohi : सिरोही में भील हत्याकांड के बाद तनाव, सांसद किरोड़ीलाल मीणा को पुलिस ने हिरासत में लिया
Sirohi News today : राजस्थान के सिरोही में कार्तिक भील नाम के युवक की पिटाई में मौत के बाद राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ( Kirodilal meena ) और डूंगरपुर के चौरासी से विधायक राजकुमार रोत समेत कई नेताओं के साथ साथ भीम आर्मी और भील समाज ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
Sirohi News today : सिरोही में कार्तिक भील की मौत के बाद शुक्रवार से ही धरना चल रहा है. बीटीपी विधायक राजकुमार रोत के साथ साथ रविवार शाम तक राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा भी वहां पहुंचे. प्रशासन ने यहां इंटरनेट सेवाएं बंद करने का फैसला लिया है तो वहीं सांसद मीणा को अब पुलिस हिरासत में लिया गया है. भीम आर्मी के साथ साथ भील समाज के लोगों की ये मांग है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए.
ये मामला 19 नवंबर का है. जब मंडवाड़ा बोर्ड के पास एक झगड़ा होता है. इस झगड़े में कार्तिक भील और उसके साथियों की पिटाई होती है. कार्तिक को अस्पताल में भर्ती कराया जाता है लेकिन 1 दिसंबर की शाम मेहसाणा अस्पताल में कार्तिक भील की मौत हो जाती है. इसके अगले ही दिन 2 दिसंबर ( शनिवार ) को भीम आर्मी के साथ साथ भील समाज के लोग बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे और यहां विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया. सूचना मिलने पर डूंगरपुर के चौरासी से भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक राजकुमार रोत भी सिरोही पहुंचे और धरने को समर्थन किया. संभागीय आयुक्त ने इंटरनेट बंद करने के आदेश दिए. वैसे इंटरनेट 24 घंटे के लिए बंद किया गया था लेकिन बाद में 30 मिनट में ही फिर से शुरु कर दिया गया
जिला प्रशासन पर लगे ये आरोप
बीटीपी विधायक राजकुमार रोत ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि लोगों को जेल में मूलभूत सुविधाएं मिल जाती है लेकिन यहां कलेक्ट्रेट में भी नहीं मिल रही है. धरना स्थल पर शौचालय की व्यवस्था नहीं है. लोगों को चाय नाश्ते के लिए बाहन नहीं जाने दिया जा रहा है. कुछ लोग शौच के लिए गए तो उनको वहीं से भगा दिया गया.
कलेक्टर ने दिया ये जवाब
सिरोही कलेक्टर भंवरलाल का कहना है कि ये लोग जहां धरना देकर बैठे है वो गलत जगह है. अधिकृत स्थल पर ही धरना देना चाहिए. इसके अलावा खाने पीने का सवाल है तो उस पर कोई रोक नहीं है. हमारे कर्मचारी भी यहीं पर बैठते है, आते जाते है तो कोई रोक नहीं है. पोस्टमार्टम के लिए परिवार के लोगों को हस्ताक्षर करने होते है. मेहसाणा (गुजरात) में मेडिकल बोर्ड से की व्यवस्था भी पहले से कर रखी है.