Anupgarh: अनूपगढ़ क्षेत्र के किसानों को नई धान मंडी में अपनी नरमा और कपास की फसल बेचने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. समस्याओं के समाधान के लिए आज कृषि उपज मंडी समिति के कार्यालय में व्यापारी, मजदूर संगठन व किसानों की एक बैठक आयोजित हुई.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस बैठक की अध्यक्षता कृषि उपज मंडी समिति के सचिव सूबे सिंह रावत के द्वारा की गई. बैठक में किसान नेताओं के द्वारा कृषि उपज मंडी समिति के सचिव सूबे सिंह रावत को मुख्य 3 समस्याओं से अवगत करवाया गया है. बैठक में किसान नेता रणवीर सिंह सेखों ने कृषि उपज मंडी समिति के सचिव सूबे सिंह रावत को तीन समस्याओं से अवगत करवाया है.


किसानों की पहली समस्या


किसान नेता रणवीर सिंह सेखों ने बताया कि जब किसान नई धान मंडी में अपनी नरमा और कपास की फसल बेचने के लिए आता है तो नरमे की फसल पर व्यापारियों के द्वारा काटी जाती है जो अनुचित है. किसानों ने कृषि उपज मंडी के सचिव सूबे सिंह रावत से मांग की है कि व्यापारियों के द्वारा काटे जाने वाली काट को तुरंत प्रभाव से बंद किया जाए.


किसानों की दूसरी मांग


किसानों ने कृषि उपज मंडी के सचिव सूबे सिंह रावत को दूसरी समस्या से अवगत करवाते हुए कहा कि किसानों की फसल नई धान मंडी में बोली होने के बावजूद भी लगभग 1 हफ्ते तक बिना तुलाई के पड़ी रहती है. जिससे किसानों का समय खराब होता है. किसानों ने मांग की है कि किसानों की फसलों की बोली होने के 48 घंटे तक किसानों की फसलों की तुलाई हो जाए ताकि किसानों का समय खराब ना हो.


किसानों की तीसरी मांग


किसान नेता रणवीर सिंह सेखों ने बताया कि इन दिनों किसान नई धान मंडी में नरमा व कपास की फसल लेकर आ रहा है. फसल की तुलाई हो जाने के बाद किसान अपने वाहन से फसल को फैक्ट्री छोड़ कर आता है जिसका उसे किराया नहीं दिया जाता. किसानों ने मांग की है कि 3 किलोमीटर क्षेत्र से बाहर स्थित फैक्ट्रियों में अगर किसान अपने वाहन से फसल पहुंचाता है तो उसे ₹25 प्रति क्विंटल का किराया भाड़ा दिया जाए.


कृषि उपज मंडी समिति के सचिव सूबे सिंह रावत ने बताया कि अगर कोई व्यापारी अवैध रूप से किसानों की फसल पर काट काटता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. किसानों की दूसरी समस्या पर सचिव रावत ने बताया कि व्यापारियों को पाबंद किया जाएगा कि उनके द्वारा अनावश्यक माल न खरीदा जाए, जितने माल की आसानी से तुलवाई हो सकती है उतना ही माल खरीदा जाए. तीसरी समस्या पर रावत ने बताया कि अगर कोई किसान अपने वाहन से 3 किलोमीटर क्षेत्र के दायरे से बाहर फसल फैक्ट्री में पहुंचाता है तो फैक्ट्री के मालिक को उसे वाजिब किराया देना होगा.


Reporter-Kuldeep Goyal


यह भी पढे़ं- रावण ने लगाए सपना चौधरी से भी बेहतर हरियाणवी ठुमके, लोग बोले- न जलने की खुशी है उसे