सूरतगढ़: माइनर निर्माण आंदोलन का मामला, सिंचाई विभाग के उपसचिव ने किया जयपुर दौरा
वार्ता के दौरान सिंचाई विभाग के उपसचिव विनोद चौधरी ने किसानों से पानी की संभावनाओं को लेकर विचार विमर्श किया.
Suratgarh: एटा-सिंगरासर माइनर निर्माण की मांग को लेकर गत दिनों जयपुर में हुई संघर्ष समिति की बैठक के बाद आज जयपुर से नहर के सर्वे और इलाके में पानी की संभावनाओं को लेकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों का दल सूरतगढ़ थर्मल पंहुचा, जहां इरेक्टर होस्टल में संघर्ष समिति और इलाके के किसानों और किसान नेताओं के साथ वार्ता की.
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वार्ता के दौरान सिंचाई विभाग के उपसचिव विनोद चौधरी ने किसानों से पानी की संभावनाओं को लेकर विचार विमर्श किया. इस दौरान बैठक में उपसचिव विनोद चौधरी के साथ सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर अमरजीत मेहरड़ा और सिंचाई विभाग के अधिकारी मौजूद रहें. बैठक के दौरान किसान नेता राकेश बिश्नोई ने पानी के विकल्पों के बारे में बताते हुए कहा कि इंदिरा गांधी नहर के लिए 80 क्युसक रिजर्व पानी है, जिसमें से थर्मल द्वारा महज 50 क्युसेक पानी उपयोग में लिया जाता है. ऐसे में 30 क्युसक पानी की कटौती कर इलाके के किसानों को देने की मांग की.
वहीं इंदिरा गांधी नहर के इलाके में जिस कमांड भूमि में सोलर पावर प्लांट लग चुके हैं, उस क्षेत्र को अनकमांड घोषित कर उक्त पानी को सरप्लस कर ऐटा सिंगरासर माईनर हेतु आरक्षित करने की बात कही और पिछले तीस वर्षों में घग्घर इलाके में जो बारिश का पानी आया है, उसको डेम बनाकर स्टॉक कर पानी की उपलब्धता के आधार पर पानी की व्यवस्था कर इलाके के किसानों को नहर सौगात देने की मांग की.
बैठक के बाद सिंचाई विभाग के उपसचिव ने ऐटा सिंगरासर माईनर के लिए संभावित स्थान इंदिरा गांधी नहर की 147 RD का मौका निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद अधिकारियों ने कहा कि किसानों द्वारा दिए गए सुझावों को नोट किया गया है. वहीं इलाके के जल स्त्रोतों का मौका निरीक्षण कर इसके बारे में फीडबैक लिया गया है. इसके साथ ही बीते वर्षो का डाटा भी स्टडी किया जाएगा, जिसके बाद समिति को अवगत करवा दिया जाएगा.
Reporter: Kuldeep Goyal
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