Anupgarh : बदबू मार रहा एक करोड़ का नाला, गंदे पानी की निकासी नहीं, नरक सी हुई जिंदगी
घड़साना में बनी गंदे पानी की नालियों के गंदे पानी की निकासी के लिए एक करोड़ रुपए खर्च कर नाला बनाया गया था. कुछ समय तो नाले से पानी निकासी हुई. इसके बाद ये जाम हो गया. इससे घड़साना कस्बे की प्रत्येक गली की नालियों में गंदे पानी की निकासी ठप हो चुकी है.
Anupgarh : श्रीगंगानगर के घड़साना क्षेत्र में गंदे पानी की निकासी एक बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है, घड़साना मंडी में बनी गंदे पानी की नालियां जिसकी स्थिति बदहाल के चलते नालियां कचरे से भरे होने के कारण पूरी तरह से बंद पड़ी है. बाजार एवं दुकानों के ऊपर रिहायशी मकानों का गंदा पानी नालियों में आकर सड़कों पर फैल जाता है. वहीं जगह-जगह नालियों में गंदा पानी खड़ा होने से बदबू से दुकानदार परेशान है.
घडसाना मंडी में बनी गंदे पानी की नालियां कचरे से भरे होने के कारण पूरी तरह से बंद पड़ी है. बाजार और दुकानों के ऊपर रिहायशी मकानों का गंदा पानी नालियों में आकर सड़कों पर फैल जाता है. कस्बे के सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने उपखंड अधिकारी डॉक्टर अभिलाषा पूनिया से इस संबंध में मुलाकात की और बताया कि इस समस्या की निजात के लिए प्रशासन से कई बार गुहार लगाई, परंतु अब तक समस्या का निराकरण नहीं हो पाया है.
गौरतलब है कि घड़साना में बनी गंदे पानी की नालियों के गंदे पानी की निकासी के लिए एक करोड़ रुपए खर्च कर नाला बनाया गया था. कुछ समय तो नाले से पानी निकासी हुई. इसके बाद ये जाम हो गया. इससे घड़साना कस्बे की प्रत्येक गली की नालियों में गंदे पानी की निकासी ठप हो चुकी है.
अब हल्की सी बरसात होते ही सड़कें तालाब के रूप में तब्दील हो जाती है. बाजार की मुख्य समस्या पर ध्यान नहीं देने के कारण जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को भी इस गंदगी के पास से गुजरना पड़ता है. कस्बे के सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने उपखंड अधिकारी डॉक्टर अभिलाषा पूनिया से इस संबंध में मुलाकात की और बताया कि इस समस्या की निजात के लिए प्रशासन से कई बार गुहार लगाई लेकिन अब तक समस्या का निराकरण नहीं हो पाया है.
वही ग्राम पंचायत तीन एसटीआर के सरपंच संदीप ढिल्लों ने बताया कि घडसाना मंडी में पूर्व में हुए भारत माला रोड के निर्माण के समय 427 मीटर नाला क्षतिग्रस्त हो गया था. इसके बाद पानी निकासी की स्थिति बिल्कुल बदहाल हो चुकी है. नेशनल हाईवे ने क्षतिग्रस्त नाले के निर्माण के लिए 32 लाख रुपए का एस्टीमेट बनाया था. जिसकी प्रथम किश्त के रूप में ₹18 लाख ग्राम पंचायत को हस्तांतरित किए जाने थे. लेकिन डेढ़ साल बाद भी उक्त राशि नहीं मिली है.
वहीं किराना एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुरेंद्र बडेरा ने बताया कि गंदे पानी की नालियां कचरे और गंदगी से ओवरफ्लो होने के कारण बदबू से बीमारियों को बुलावा मिल रहा है. उक्त समस्या को हल करवाने में प्रशासनिक अधिकारी भी खामोश हैं
रिपोर्टर - कुलदीप गोयल
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